‘अपने कार्यालय के प्रभाव क्षेत्र को समझना भी लीडरशिप है’
विरोध प्रदर्शनों पर सेना प्रमुख के बयान पर ओवैसी का ट्वीट
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के पर अब सियासी विवाद मच गा है। सेना प्रमुख ने कहा कि आज हम सब बड़ी संख्या में यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में छात्रों की अगुआई में कई शहरों में भीड़ और लोगों को हिंसक प्रदर्शन करते देख रहे हैं। यह नेतृत्व क्षमता नहीं है। इस बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और एआईएमआईएम असदुद्दीन ओवैसी ने आर्मी चीफ पर निशाना साधा गै। दिग्विजय ने जहां सांप्रदायिक आधार पर हिंसा को लेकर सवाल दागा तो ओवैसी ने तो आर्मी चीफ को अपने कार्यक्षेत्र तक सीमित रहने की नसीहत दे डाली।
आर्मी चीफ के बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी सवाल दागा। उन्होंने आर्मी चीफ को संबोधित करते हुए ट्वीट किया, 'नेतृत्वकर्ता वह नहीं होता है जो लोगों को हथियार उठाने के लिए प्रेरित करे। आर्मी चीफ नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन पर। मैं आपसे सहमत हूं जनरल साहब, मगर नेता वह भी नहीं हो सकता जो अपने अनुयायियों को सांप्रदायिक आधार पर नरसंहार के लिए भड़काए। क्या आप मुझसे सहमत हैं जनरल साहब?'
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सेना प्रमुख को इस बयान पर नसीहत दे डाली। उन्होंने ट्वीट किया, 'अपने कार्यालय के प्रभाव क्षेत्र को समझना भी लीडरशिप है। यह (लीडरशिप) नागरिक की सर्वोच्चता को समझना और जिस संस्था के प्रमुख आप हैं उसकी गरिमा को ठीक से जानना भी है।'
एनआरसी और सीएबी को लेकर जारी विरोध और देश के कई विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन पर भी आर्मी चीफ ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने किसी यूनिवर्सिटी का नाम लिए बगैर कहा, 'नेतृत्व क्षमता वह नहीं है जो लोगों को गलत दिशा में लेकर जाती हो। आज हम सब बड़ी संख्या में यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में छात्रों की अगुआई में कई शहरों में भीड़ और लोगों को हिंसक प्रदर्शन करते देख रहे हैं। यह नेतृत्व क्षमता नहीं है।'