मोदी सरकार का विरोध परी को पड़ा भारी
हरियाणा सरकार ने 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' कैंपेन से हटाया
नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा हरियाणा के 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' कैंपेन का चेहरा अब नहीं रहीं। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर उनके द्वारा किए गए पिछले कुछ ट्वीट्स को इस निर्णय की वजह बताया जा रहा है। हालांकि इस तरह की खबरों को हरियाणा सरकार ने झूठा बताया है। उनका कहना है कि ये बात पूरी तरह से गलत, आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण है।
दरअसल, अभिनेत्री ने 17 दिसंबर को ट्वीट कर कहा था, "जब भी एक नागरिक अपना विरोध करना चाहेगा और यह सब होगा तो सीएए को भूलो, हमें चाहिए कि ऐसा बिल पास करे, जिसमें हम देश को आगे से लोकतांत्रिक ना बता पाएं! अपनी बात कहने के लिए मासूम लोगों को मारना बर्बता है।"
नागरिकता कानून के खिलाफ ट्वीट करने के बाद हरियाणा सरकार ने परिणीति चोपड़ा से पल्ला झाड़ते हुए कहा था कि वो हरियाणा की ब्रांड एंबेसडर नहीं है, जबकि परिणीति चोपड़ा का एमओयू एक साल में ही खत्म हो गया था। हरियाणा सरकार की महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रवक्ता ने परिणीति चोपड़ा को 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के ब्रांड एंबेसडर के रूप में हटाए जाने की खबर झूठ है। उनका कहना है कि ये बात पूरी तरह से गलत, आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण है। उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट 1 साल के लिए था। अप्रैल 2017 के बाद एमओयू का नवीनीकरण नहीं किया गया।
बता दें कि परिणीति चोपड़ा को खट्टर सरकार ने 2015 में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का ब्रांड एंबेसडर बनाया था। तब तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने परिणीति चोपड़ा को नामित करने का खुला विरोध किया था। उनके साथ ही कई अन्य नेताओं ने भी आपत्ति जताई थी।