नागरिकता क़ानून के खिलाफ गोरखपुर में हिंसक प्रदर्शन
पुलिसकर्मियों-प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर हुई पत्थरबाजी
नई दिल्ली: गोरखपुर में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों और पुलिस कर्मियों में झड़प हो गई। इस दौरान दोनों ने एक-दूसरे पर पत्थर फेंके। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ गोरखपुर में कई स्थानों पर प्रदर्शन के बाद बुधवार को पुलिस ने शहर के कई इलाकों में फ्लैग मार्च किया।
पुलिस अधीक्षक (नगर) डॉक्टर कौस्तुभ के नेतृत्व में पुलिस ने बक्शीपुर, घंटाघर, तुर्कमानपुर, बसंतपुर, मदरसा चौराहा, मिर्जापुर, घासी कटरा, इलाही बाग और तिवारीपुर मैं फ्लैग मार्च किया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं और जिले के लोगों में सुरक्षा की भावना जगाने के लिए पुलिस ने फ्लैग मार्च किया। इसके अलावा ड्रोन कैमरों की मदद से जिले के अन्य स्थानों पर नजर रखी जा रही है।
जिलाधिकारी विजयेंद्र पंडियन ने लोगों से अपील की है कि वह सोशल मीडिया पर भ्रामक और भड़काऊ पोस्ट ना डालें। उन्होंने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के शरणार्थियों के लिए है और इसका भारतीय नागरिकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने लोगों से कहा कि वे भ्रामक संदेशों से होशियार रहें। अगर कोई व्यक्ति भड़काऊ भाषण देता है या अफवाह फैलाता है तो पुलिस से उसकी शिकायत करें।
बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुरुवार को हुई हिंसा के बाद राज्य सरकार ने राजधानी में शनिवार दोपहर तक मोबाइल इंटरनेट एवं एसएमएस सेवाएं बंद दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने इस संबंध में गुरूवार की देर रात निर्देश जारी किया ।
अवस्थी ने सरकारी आदेश में कहा है, ‘‘यह आदेश 19 दिसंबर को दोपहर बाद तीन बजे से 21 दिसंबर को दोपहर 12 बजे तक प्रभावी रहेगा ।’’ इससे पहले एक अधिकारी ने भाषा को बताया कि सोशल मीडिया पर किसी तरह के दुष्प्रचार और लोगों की भावनाएं भड़काने वाली कोई पोस्ट को प्रसारित होने रोकने के लिए राजधानी में शनिवार दोपहर तक मोबाइल इंटरनेट एवं एसएमएस सेवाओं को बंद कर दिया गया है।