अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी मजदूरों के अधिकारों की सुरक्षा की मांग
लखनऊ: अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस के अवसर पर आज लखनऊ के तेलीबाग में प्रवासी मजदूरों के खिलाफ हो रहें हिंसा और उनके मानव अधिकारों की सुरक्षा किये जाने के समर्थन में रैली निकला।
वादा फाउंडेशन और एचआरएमएफ द्रारा आयोजित रैली में शामिल संस्था के वालेंटियर और प्रवासी मजदूरों ने "प्रवासी मजदूरों पर हिंसा बंद करो", "प्रवासियों के साथ हो रहे यातना पर रोक लगाओ", "गरिमा पर हमला बंद करो", "प्रवासी भी इंसान हैं उनका सम्मान करों", "यातना नहीं अधिकर चाहिए जीने का सम्मान चाहिए", "प्रवासी भी है जिंदा इंसान", "प्रवासी मजदूरों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करों" आदि नारे लगाए और लोगों ने प्रवासी मजदूरों और उनके परिवार पर हो रहे हिंसा पर सरकार से रोक लगाने की मांग की। कार्यक्रम में शामिल लोगों ने प्रवासी मजदूरों के साथ हो रहे हिंसा के खिलाफ रैली निकाला।
वादा फाउंडेशन और एचआरएमएफ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में संस्था के निदेशक अमित ने कहा की दुनियाभर में 18 दिसंबर 2019 को ‘अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस’ मनाया जाता हैं! यह दिवस प्रवासी कामगारों और उनके परिवार के सदस्यों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही आगे की कार्य योजना तैयार करने के लिए घोषित की गई थी ताकि प्रवासी कामगारों से जुड़े आजादी के साथ काम और मानवाधिकार जैसे मुद्दे पर लोगों के विचार साझा किए जा सके!
उन्होंने कहा की संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में सबसे ज्यादा प्रवासी भारतीय हैं. रिपोर्ट के अनुसार 15.6 मिलियन से अधिक भारतीय विदेश में रहते हैं. वर्ष 2014 से अब तक 5000 से ज्यादा लोग बेहतर जीवन और संरक्षण के लिए हिंसा और यातना का सामना कर चुके हैं. जो की एक बेहद गंभीर हालात को दर्शाता हैं. इसलिए हम सरकार से यह मांग करते हैं की वह विश्व मंच पर किये हुए वादे को निभाते हुए प्रवासियों के ऊपर हो रहे हिंसा और मानव तस्करी पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाये ताकि प्रवासियों के अधिकारों के संरक्षण और मनाव तस्करी को समाप्त किया जा सके.
एच.आर.एम.एफ. के सदस्य सुरेश भारती ने कहा की प्रवासी मजदूरों के साथ हिंसा और यातना दुनिया के लिये बहुत चिंतनीय बात है। इसलिए प्रवासी मजदूरों और उनके परिवार की सुरक्षा के लिए सरकार को ठोस पहल करने की जरुरत हैं।