संतों की समाधि व संग्रहालय तोड़े जाने से कबीरपंथी आक्रोशित
प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुनः निर्माण की मांग उठायी
लखनऊ। सद्गुरू कबीर जागू आश्रम के अन्तर्गत स्थापित संतों, महन्तों की समाधि, स्मृति शिलालेख, संग्रहालय और संत निवास को तोड़े जाने से आक्रोशित कबीर पन्थियों ने संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर समुचित काररवाई के साथ तोड़े गये आश्रम के पुनः निर्माण की मांग की है। आज यहां प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुये महन्त योगेन्द्र दास ने बताया कि 1800 शताब्दी का यह प्राचीन आश्रम ग्राम दसौली बाबाजी की कुटी की गाटा संख्या नौ में स्थित है जहां साधु संतों और महन्तों की समाधि बनी हुयी है जिसको बख्शी का तालाबा तहसील के प्रशासन ने नष्ट कर दिया है, जिससे कबीरपन्थियों में काफी आक्रोश है। आश्रम की ऐतिहासिक पर जिक्र करते हुये महन्त योगेन्द्र दास ने बताया कि इस प्राचीन आश्रम में कबीरपंथी संत आते है और कबीर के विचारों एवं सांस्कृतिक एवं अध्यात्म का प्रचार प्रसार करते है और स्वर्गवासी होने पर कबीरपन्थियों की समाधि आश्रम द्वारा बनायी जाती है। तोड़े गये इस आश्रम के पुनः निर्माण की मांग करते हुये महन्त योगेन्द्र दास ने बताया कि उक्त भूमि आज भी सरकार के राजस्व अभिलेखों में समाधि स्थल के रूप में दर्ज है। उक्त स्थल शासन प्रशासन द्वारा तोड़े जाने से कबीर पंथी संत एवं अनुयायी काफी क्षुब्ध और आक्रोशित है और प्रशासन के इस कृत्य को कबीर के विचारों के प्रचार प्रसार के व्यवधान मानते है। पत्रकार वार्ता में महन्त योगेन्द्र दास के अलावा कबीर पन्थियों के अन्य महन्त विवेक साहेब मगहर, महन्त परमेश्वर साहेब, शिवपुर बनारस, आचार्य महन्त राम दयाल साहेब, विद्दुपुर बिहार, पथिक जी महाराज, श्रवण साहेब, गौरेया सीतापुर, महन्त ज्ञानेन्द्र साहेब, हरैया, महन्त अटल साहेब व राकेश साहेब, नैमिषारण, संत ज्ञानेन्द्र दास, महन्त संतोष दास खाकी, बनगढ़ सीतापुर, महन्त गुरूदयाल साहेब, डेराबसी पंजाब, महन्त रमेश दास साहेब, बिहार आदि ने प्रशासन के इस कृत्य पर जमकर नाराजगी व्यक्त की।