छात्रों ने जानी एक अणु की औषधि बनाने तक की शोधयात्रा
"जिज्ञासा": सीएसआईआर-सीडीआरआई में छात्र-वैज्ञानिक संपर्क कार्यक्रम
शाहजहांपुर: केन्द्रीय विद्यालय क्र. 2, ओसीएफ़, शाहजहाँपुर (उप्र) के 50 छात्रों एवं 4 शिक्षकों के एक दल ने संस्थान के वैज्ञानिक एवं सामाजिक दायित्वों (एसएसआर) के अंतर्गत आयोजित एक जिज्ञासा कार्यक्रम में सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, लखनऊ का दौरा किया एवं वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं से संवाद किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों की विज्ञान एवं औषधियों की खोज़ एवं निर्माण में रुचि उत्पन्न करने के साथ साथ उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना है। छह घंटों के इस कार्यक्रम में छात्रों ले लिए वैज्ञानिकों से संवाद एवं प्रयोगशाला का दौरा कर वहाँ चल रहे शोधकार्य को नजदीक से देखना एक रोमांचित कर देने वाला अनुभव रहा।
श्री विनय त्रिपाठी, मुख्य वैज्ञानिक, ने छात्रों और शिक्षकों का स्वागत करते हुए जिज्ञासा कार्यक्रम के बारे में तथा संक्षिप्त रूप में सीएसआईआर और सीडीआरआई के बारे में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी की विभिन्न शाखाओं में इसके योगदान के साथ साथ औषधि अनुसंधान एवं विकास में योगदान के बारे मैं भी बताया। उन्होंने भारतीय फार्मा इंडस्ट्री के विकास के परिप्रेक्ष्य में संस्थान के योगदान के बारे में भी चर्चा की। डॉ संजीव यादव, वैज्ञानिक, ने "अणु की औषधि बनाने तक की शोधयात्रा" विषय पर एक रोचक एव प्रभावपूर्ण व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि कैसे रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और फार्मास्युटिकल विज्ञान जैसे विभिन्न विषयों के वैज्ञानिक और शोधकर्ता एक साथ एक टीम के रूप में मिलकर कार्य करते हैं एवं एक नई रासायनिक इकाई (एनसीई) के विभिन्न पहलुओं पर शोध कर उसे एक महत्वपूर्ण संभावित उम्मीदवार औषधि (केंडीडेट ड्रग) में परिवर्तित करने के पश्चात अंत में एक औषधि के रूप में इसे बाजार तक लाते हैं। उन्होंने कई प्रश्न पूछे और छात्रों ने बड़ी चतुराई से जवाब दिया। छात्र-छात्राओं ने भी डॉ संजीव यादव से अपनी जिज्ञासाएँ व्यक्त की और पूछा की वे सीडीआरआई में एक वैज्ञानिक कैसे बन सकते हैं एवं विज्ञान में अपना केरियर कैसे बना सकते हैं ?
इसके पश्चात श्रीमति सविता त्रिपाठी एवं श्री सुशील लोहानी ने दल को विभिन्न प्रयोगशालाओं का दौरा करवाया। मोलिक्युलर बयोलॉजी डिवीजन में डॉ समन हबीब ने दवा की खोज और विकास के विभिन्न आणविक पहलुओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने जिज्ञासु छात्रों को अपनी प्रयोगशाला में आणविक जीव विज्ञान के कुछ उपकरण और तकनीकों का प्रदर्शन किया। बाद में, छात्रों ने प्रयोगशाला जन्तु सुविधा का भी भ्रमण किया एवं डॉ राजदीप गुहा और श्री हंसदा से औषधि अनुसंधान एवं विकास में विभिन्न जन्तु मॉडल जैसे माइस, रैट, हेमेस्टर, गिनी पिग एवं रिहसस मंकी की भूमिका एवं उनकी उपयोगिता के बारे में विस्तार से जानकारी ली एवं विभिन्न सुविधाओं एवं जन्तु मॉडल और उनकी हैंडलिंग का भी प्रदर्शन देखा।
छात्र सीडीआरआई में औषधि अनुसंधान एवं विकास के लिए मौजूद सुविधाओं का निरीक्षण करने के पश्चात बहुत ही प्रभावित थे। उन्होंने विभिन्न प्रकार की मशीन जैसे कि रियल टाइम पीसीआर, विभिन्न माइक्रोस्कोप, क्रायोप्रिजर्वेशन टेकनीक का व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया। इंटरएक्टिव सत्र के दौरान, छात्रों ने विभिन्न आणविक तकनीकों, जन्तु मॉडल और दवा की खोज और विकास के अन्य पहलुओं पर भी विभिन्न प्रश्न पूछे।
शिक्षकों और छात्रों ने अन्य सीडीआरआई की ही प्रयोगशालाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए संस्थान में अपनी अगली यात्रा के लिए अनुरोध किया। शिक्षकों ने अपने विचार व्यक्त किए और देश के विकास में सीएसआईआर एवं उसकी सीडीआरआई जैसी लैब के द्वारा किए जा रहे योगदान के लिए भरसक सराहना की। अंत में, शिक्षकों ने सीएसआरआई-सीडीआरआई वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों को इस तरह के कार्यक्रम के माध्यम से संस्थान का दौरा करवाने और विभिन्न सुविधाओं से रूबरू करवाने का अवसर प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया।