यूरोपीय संघ के राजदूत ने कहा- कश्मीर के हालात समान्य होना जरूरी
नई दिल्ली: भारत में यूरोपियन यूनियन (ईयू) के राजदूत उगो अस्तुतो ने कहा है कि कश्मीर के हालात को लेकर वो चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों को आवाजाही की आजादी मिलना और वहां सामान्य हालात बहाल करना जरूरी है। उगो ने कहा है कि कश्मीर की स्थितियां यूरोपीय संघ के नीतिगत फैसलों के अनुरूप नहीं हैं।
भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत उगो अस्तुतो ने यह भी कहा कि यूरोपीय संसद के सदस्यों (एमईपी) की कश्मीर यात्रा यूरोपीय संघ के नीतिगत फैसलों की अभिव्यक्ति नहीं है। अस्तुतो ने कहा, ‘हम कश्मीर में हालात को लेकर चिंतित हैं…. कश्मीर में आवाजाही की आजादी और सामान्य हालात बहाल करना आवश्यक है।'
बता दें कि उगो का बयान ऐसे समय आया है, जब मंगलवार को ही अमित शाह ने लोकसभा में कश्मीर को लेकर बयान दिया है। अमित शाह ने आज लोकसभा में कहा है कि कश्मीर में सब काम ठीक तरह से हो रहे हैं और वहां के हालात समान्य हैं। 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर को दो केंद्रशासित राज्यों में बांटे जाने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद से वहां के हालात तनावपूर्ण हालात हैं। तीन पूर्व सीएम समेत सैकड़ों नेता चार महीने से हिरासत में हैं। वहीं संचार सेवाओं पर भी कई तरह के प्रतिबंध हैं।
इसी को लेकर उगो की ओर से मंगलवार को बयान दिया गया है। इससे पहले अक्टूबर में यूरोपीय यूनियन का एक प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर का दौरा भी कर चुका है। ईयू के 23 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने दो दिन तक कश्मीर के हालात का जायजा लिया था।
नागरिकता संशोधन विधेयक के संबंध में अस्तुतो ने कहा कि समानता का सिद्धांत भारतीय संविधान में प्रतिष्ठापित है और आशा करते हैं कि उसका सम्मान किया जाएगा। सीमा पार से होने वाले आतंकवाद के संबंध में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को उसकी धरती से गतिविधियां चलाने वाले चरमपंथियों और आतंकवादियों के खिलाफ अवश्य कार्रवाई करनी चाहिए। अस्तुतो ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहिए।
उगो ने सोमवार को लोकसभा में पास हुए नागरिकता संशोधन विधेयक के संबंध में कहा है कि समानता का सिद्धांत भारतीय संविधान में है। हम उम्मीद करते हैं कि उसका सम्मान किया जाएगा। वहीं, पाकिस्तान को संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को उसकी धरती से गतिविधियां चलाने वाले चरमपंथियों और आतंकवादियों के खिलाफ अवश्य कार्रवाई करनी चाहिए। अस्तुतो ने भारत और पाकिस्तान के बीच मुद्दों को बातचीत से सुलझाने पर जोर दिया।