यूपी में दुष्कर्म के मामलों की सुनवाई के लिए बनेंगे 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट
लखनऊ:: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज हुई यूपी सरकार की कैबिनेट बैठक में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के हित में बड़ा फैसला लिया गया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश में 218 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट खोलने की मंजूरी दी है। इनमें से 144 नई अदालतें केवल रेप मामले की सुनवाई करेंगी, जबकि 74 अदालतें पॉस्को एक्ट वाले केस सुनेंगी। यूपी कैबिनेट ने रेप, बाल और महिला उत्पीड़न के केसों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाए जाने की मंजूरी दे दी है।
कैबिनेट की बैठक में राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध पर चिंता जताई गई है। महिलाओं के खिलाफ अपराध की सुनवाई के लिए 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करने को मंजूरी दी गई है। फास्ट ट्रैक कोर्ट की कार्यवाही आज से ही शुरू हो जाएगी। इनमें 74 नए कोर्ट बच्चों के अपराध से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए खुलेंगे। एक कोर्ट बनाने में 75 लाख का खर्च आएगा। कोर्ट के लिए अगर बिल्डिंग नहीं होगी तो किराए पर लिया जाएगा। कोर्ट बनाने का 60 फीसदी पैसा केंद्र और 40 फीसदी पैसा यूपी सरकार देगी।
कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि प्रदेश में 42389 पाॉस्को और 25749 बलात्कार के मामले अभी पेंडिंग है। जिसके चलते यूपी सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया है। ब्रजेश पाठक ने बताया कि इसके जजों की भर्ती जल्द शुरू की जाएगी। इन अदालतों के गठन पर होने वाले खर्च का 60% हिस्सा केंद्र सरकार तथा 40% हिस्सा राज्य सरकार उठाएगी। हर कोर्ट का खर्च 75 लाख रुपये आएगा।
कैबिनेट की बैठक में अयोध्या, गोरखपुर और फिरोजाबाद के सीमा विस्तार को मंजूरी दे दी गई है। अयोध्या में 42 गांव और गोरखपुर में 31 गांवों को शामिल किया जाएगा। सरकार ने बलिया लिंक एक्सप्रेस वे को मंजूरी दे दी है। इसके तहत लखनऊ से गाजीपुर तक जाने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को लिंक के जरिए बलिया से जोड़ा जाएगा. 35 से 40 किमी की ये सड़क 6 लेन की होगी।