अपना देश बसाने वाले भगोड़े नित्यानंद का पासपोर्ट रद्द
नई दिल्ली: विवादास्पद भगोड़े स्वयंभू बाबा नित्यानंद को लेकर भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने विवादास्पद स्वयंभू बाबा नित्यानंद का पासपोर्ट रद्द कर दिया है और नये पासपोर्ट की उसकी याचिका भी खारिज कर दी है। मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यह भी कहा कि मंत्रालय ने विदेशों में स्थित सभी मिशनों और पोस्टों को नित्यानंद के बारे में सतर्क कर दिया है।
गुजरात पुलिस ने पिछले दिनों बताया था कि स्वयंभू बाबा नित्यानंद देश छोड़कर भाग गया है। नित्यानंद के खिलाफ फौजदारी मामला दर्ज है। मामले में उसके खिलाफ सबूत जुटाने के लिए पुलिस ने उसकी दो महिला अनुयायियों को भी गिरफ्तार किया है। अहमदाबाद (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक एसवी असारी ने बताया था कि नित्यानंद कर्नाटक में उसके खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज होने के बाद ही देश छोड़कर भाग गया था। गुजरात पुलिस उचित माध्यम के जरिए उसकी हिरासत हासिल करेगी।
पुलिस ने उसकी दो महिला अनुयायियों- साध्वी प्राण प्रियानंद और प्रियातत्व रिद्धि किरण को भी गिरफ्तार किया था। दोनों पर चार बच्चों को कथित तौर पर अगवा करने और उन्हें एक फ्लैट में बंधक बनाकर रखने का आरोप है। पुलिस नित्यानंद के आश्रम से लापता हुई एक महिला के मामले में भी जांच कर रही है। महिला के पिता जनार्दन शर्मा ने शिकायत दर्ज कराई थी।
पुलिस ने बुधवार को स्वयंभू बाबा स्वामी नित्यानंद के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उस पर अहमदाबाद में अपना आश्रम योगिनी सर्वज्ञपीठम चलाने के लिए बच्चों को कथित तौर पर अगवा करने और उन्हें बंधक बनाकर अनुयायियों से चंदा जुटाने के आरोप हैं।
पुलिस देशभर में भगोड़े नित्यानंद उर्फ राजशेखरन की तलाश कर ही रही थी कि खबर आई कि उसने दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के मध्य में इक्वाडोर के पास एक द्वीप को खरीदकर उस पर एक नया देश हिंदू राष्ट्र कैलासा बसा दिया है। अब उसके पास उसका खुद का पासपोर्ट भी है। कथित देश कैलासा की वेबसाइट के मुताबिक यह सीमा रहित राष्ट्र है, जिसे दुनिया भर के बेदखल हिंदुओं ने बसाया है, जिन्हें उनके अपने देश में प्रामाणिक रूप से हिंदू धर्म का अभ्यास करने की अनुमति नहीं है।
वेबसाइट में कहा गया है, कैलासा को न सिर्फ सनातन हिंदू धर्म की रक्षा और संरक्षण के लिए, और उसे पूरे विश्व से रूबरू कराने के लिए बनाया गया है। बल्कि इसके जरिए उत्पीड़न की ऐसी कहानी भी बताई जाएगी, जो अभी तक दुनिया को पता नहीं है। यह नया देश एक मंदिर आधारित पारिस्थितिकी के साथ तीसरी आंख के पीछे का विज्ञान, योग, ध्यान और गुरुकुल शिक्षा पद्धति का भी दावा करता है। साथ ही सभी को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं, मुफ्त शिक्षा, मुफ्त भोजन और एक मंदिर आधारित जीवन प्रणाली देने की बात भी कहता है।