योगी के मंत्री बोले, भगवान राम भी100 फीसदी क्राइम कम होने की गांरटी नहीं ले सकते
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के उन्नाव में हुए भयावह अग्निकांड के बाद राज्य की कानून व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है. इसी बीच योगी सरकार में मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह का एक विवादित बयान सामने आया है. रणवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जब समाज है, तो समाज में यह कह देना कि 100 फीसदी क्राइम नहीं होगा, ये दावा तो मुझे नहीं लगता भगवान राम भी दे पाए हों. लेकिन यह निश्चित है कि अगर कहीं क्राइम हुआ है तो सजा होगी और वो जेल जाएगा. रणवेंद्र प्रताप सिंह से उन्नाव अग्निकांड से जुड़ा एक सवाल पूछा गया था, जिसके जवाब में उन्होंने यह बयान दिया.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव में बलात्कार की एक पीड़िता को बृहस्पतिवार को जिंदा जलाने की कथित तौर पर कोशिश करने वाले सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने बताया कि यह घटना बिहार थानाक्षेत्र के सिंदुपुर गांव की है. पीड़िता को लखनऊ के श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां डॉक्टरों ने कहा कि वह 90 फीसदी तक जल गई है और उसकी हालात बहुत गंभीर है. पुलिस के अनुसार पीड़िता अधजली अवस्था में काफी दूर तक दौड़ कर आयी. प्रत्यक्षदर्शियों ने जब उसे देखा तो पुलिस को इसकी सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता को पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भेजा जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया. बाद में जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उसकी स्थिति गंभीर देखते हुए लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया.
सपा और कांग्रेस ने इस घटना को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कानून व्यवस्था को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला है. प्रियंका ने ट्वीट किया कि देश के गृह मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कल झूठ कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति अच्छी हो गयी है. उन्होंने कहा कि इस तरह की हर रोज हो रही घटनाओं को देखकर गुस्सा आता है. वहीं सपा ने कहा, 'बलात्कार पीड़िता को जलाने का प्रयास उत्तर प्रदेश में चल रहे जंगलराज का नतीजा है. मुख्यमंत्री को शर्म आनी चाहिए और पुलिस महानिदेशक को इस्तीफा देना चाहिए. पीड़िता को अच्छे से अच्छा इलाज मिलना चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. पीड़िता को सुरक्षा भी मुहैया करायी जानी चाहिए.'