मुद्रा लोन योजना में लोन लेने वालों ने नहीं लौटाए ₹18 हजार करोड़
नई दिल्ली: सकार ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत बांटे गए 6.04 लाख करोड़ रुपये लोन में से 3 फीसदी लोन यानी 18,000 करोड़ रुपये बैड लोन (Bad Loan) में बदल गए हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 अप्रैल, 2015 को नॉन-कॉर्पोरेट, नॉन-फार्म/लघु, सूक्ष्म उद्यमों (SME) को रोजगार पैदा करने और आसानी से वित्तीय मदद पहुंचाने के लिए 10 लाख रुपये तक के कोलैटरल फ्री लोन बांटने के लिए पीएमएमवाई (PMMY) की शुरुआत की थी.
राज्यसभा में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना पर एक प्रश्न के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, PMMY के लागू करने के संबंध में कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें लोन के लिए आवेदनों को बंद करना, टर्न-अराउंड-टाइम (TAT) में देरी और कुछ मौकों पर लेंडर्स द्वारा कोलैटरल/गारंटर की मांग करना शामिल है.
करीब 18 हजार रुपये बना बैड लोन- वित्त राज्य मंत्री ने कहा, शेड्यूलड कमर्शियल बैंकों (SCBs) और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) से मिली जानकारी के मुताबिक, मार्च 2019 तक PMMY के तहत कुल 6.04 लाख करोड़ रुपये के लोन बांटे गए. योजना की शुरुआत के बाद से इनमें से 17,251.52 करोड़ रुपये की राशि नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NBP) में बन गई, यह कुल बांटे गए लोन का 2.86 फीसदी है.
तीन कैटगरी में बांटे गए हैं लोन- PMMY के तहत मुद्रा लोन को तीन भागों में बांटा गया है. ये लोन शिशु (Shishu), किशोर (Kishore) और तरुण (Tarun) के तहत दिए जाते हैं.
एक अन्य सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि पिछले 5 वित्तीय वर्षों के दौरान मार्च 2019 के अंत तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) की कुल शाखाओं की संख्या 87,580 हो गई है, जो मार्च 2014 तक 78,939 थी.