क्रिसिल ने भी की विकास दर में बड़ी कटौती
नई दिल्ली: रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की विकास दर के अनुमान में बड़ी कटौती की है। सोमवार को जारी रिपोर्ट में इसने कहा कि इस साल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर सिर्फ 5.1 फीसदी रहने के आसार हैं। पहले इसने 6.3 फीसदी विकास दर का अनुमान जारी किया था।
विकास दर के बारे में क्रिसिल का अनुमान जापानी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा के बाद सबसे कम है। नोमुरा ने सिर्फ 4.7 फीसदी विकास का अनुमान जताया है। पिछले हफ्ते जारी केंद्रीय सांख्यिकी संगठन के आंकड़ों के अनुसार जुलाई-सितंबर तिमाही में विकास दर घटकर 4.5 फीसदी पर आ गई। इस तरह पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में विकास दर 4.75 फीसदी दर्ज हुई है।
क्रिसिल ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट में कहा है कि औद्योगिक उत्पादन, फैक्टरी में बनी चीजों का निर्यात, बैंक कर्ज, कर संग्रह, माल ढुलाई और बिजली उत्पादन- सबसे कमजोरी के संकेत हैं। हालांकि दूसरी छमाही में मामूली सुधार की उम्मीद है। पहली छमाही के 4.75 फीसदी की तुलना में दूसरी छमाही में 5.5 फीसदी ग्रोथ की संभावना है।
क्रिसिल का यह आकलन रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा से ठीक पहले आया है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 3-5 दिसंबर को होनी है। आखिरी दिन, यानी 5 दिसंबर को रिजर्व बैंक नीति में समीक्षा का ऐलान करेगा। माना जा रहा है कि गिरती विकास दर को देखते हुए रिजर्व बैंक रेपो रेट घटा सकता है। यह लगातार छठी समीक्षा होगी जिसमें रिजर्व बैंक रेपो रेट घटाएगा। इससे पहले पांच समीक्षा में यह रेट 1.35 फीसदी घटा चुका है। बैंक आरबीआई से जिस ब्याज दर पर अल्पावधि के कर्ज लेते हैं, उसे रेपो रेट कहते हैं।
अक्टूबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.9 फीसदी से घटाकर 6.1 फीसदी कर दिया था। दूसरी तिमाही के प्रदर्शन को देखते हुए गुरुवार को इसमें और कटौती किए जाने की उम्मीद है।