ख़ानकाहें गंगा जमनी तहज़ीब की अलामतें होती हैं: वैभव मिश्रा
दादामियां की मज़ार पर ADM और SP सिटी ने चादर पेश की
लखनऊ: राजधानी लखनऊ के माल एवेन्यू स्थित आस्ताना दादा मियां पर उर्स के दूसरे दिन भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने हज़रत ख्वाजा मुहम्मद नबी रज़ा शाह की मज़ार पर चादर पेश कर अपनी अक़ीदत का इज़हार किया| आज की शुरुआत नमाज़े फज्र के बाद क़ुर्आन ख्वानी से हुई |
दादा मियाँ के 112 वें उर्स के मौके पर परम्परा को हुए लखनऊ के एडीशनल ज़िला मजिस्ट्रेट वैभव मिश्रा ने दरगाह शरीफ़ पर चादर पेश की और दरगाह शरीफ के सज्जादा नशीन ख्वाजा मुहम्मद सबाहत शाह ने दुआए खैर की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बिला शुबहा ख़ानकाहें गंगा जमनी तहज़ीब की अलामतें हैं । इन की बारगाह में बिला तफ़रीक़ हर मज़हब व मिल्लत के मानने वाले लोग तशरीफ लाते है। और इनके द्वार हर किसी के लिए खुले रहते हैं जिनकी बरकतों से लोग मुस्तफीज़ होते हैं। हमें यहाँ आकर बेहद सुकून व शांति प्राप्त होती हैं और बहुत खुशी होती है। उनके साथ आए एस पी सिटी सुरेश चंद्र रावत ने भी ख़ुशी का इज़हार किया और कहा कि हिंदुस्तान की ख़ानकाहें हर किसी को रूहानियत का पैग़ाम देती हैं और यहाँ पर मांगी गई दुआएं क़ुबूल होती है।
कल उर्स के तीसरे दिन सुबह साढे दस बजे एक इंटरनेशनल सेमीनार का आयोजन होगा जिसका शीर्षक "जिन्दगी के शब ओ रोज़ और शाहे रज़ा का तरजे़ अमल़" होगा, जिसके जरिये दादा मियां की तालीमात, उनके संदेशों को लोंगों के सामने लाया जाएगा। सेमिनार को मौलाना सय्यद कमरूल इस्लाम,रिसर्च स्काॅलर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, डा0 वाहिद नजी़र, असिस्टेंट प्रोफेसर जामिया मिलीया इस्लामिया,नई दिल्लीसम्बोधित करेंगे| इनके अलावा लखनऊ व आस पास के जिले के उलमाए किराम तशरीफ ला रहें हैं। सेमिनार के ज़रीये दादा मियाँ की तरह जिन्दगी गुज़ारने की अकीदतमंदों को शिक्षा दी जाएगी|