डीएचएफएल मामले में उठे सवालों का जवाब दें ऊर्जा मंत्रीः अजय कुमार लल्लू
लखनऊ: उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने डीएचएफएल मामले में उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा से आठ सवाल पूछे हैं। उन्होने जारी बयान में कहा कि डीएचएफएल मामले में करीब 45 हजार परिवारों का भविष्य दांव पर लगा है। ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा को अपने राजधर्म का पालन करते हुए सवालों का जवाब देना चाहिए। वे जनता के सवालों से बच नहीं सकते हैं। कर्मचारियों के खून-पसीने की कमाई है, पाई-पाई का हिसाब लेंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि डीएचएफएल मामले में बार-बार सवाल उठता है लेकिन ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा समेत पूरी सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है।
उन्होने कहा कि डीएचएफएल मामले को लेकर हम फिर से ऊर्जा मंत्री जी से सवाल पूछ रहे हैं, उम्मीद है कि वे हमारे सवालों का जवाब देंगे। योगी आदित्यनाथ अपनी जवाबदेही और जिम्मेदारी लेते हुए अपनी कैबिनेट से ऊर्जा मंत्री केा बर्खास्त करें।
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उ0प्र0 सरकार, डीएचएफएल में प्राविडेन्ट फण्ड निवेश को लेकर जितनी भी इन्वेस्टमेंट को लेकर बैठकें हुईं, उनके एजेण्डे और उसके सापेक्ष हुई बैठक के मिनट कार्यक्रम को सार्वजनिक करे। ताकि यह देखा जा सके कि एजेण्डा क्या था और निर्णय क्या हुए? निर्णयों से कौन सहमत और असहमत था, यहां यह भी जानना आवश्यक है कि एजेण्डा किस तारीख को जारी किया गया और बैठकें कब-कब हुईं?
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एजेण्डा बनाने की जिम्मेदारी किसकी होती है? क्या एजेण्डा बनाने वाला खुद से एजेण्डा तय करता है? एजेण्डा नियत करने के निर्देश मौखिक थे? यदि मौखिक थे तो किसके थे? यदि लिखित थे तो उस नोट पर किसके आदेश और दस्तखत हैं?
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2018 में अगर डीएचएफएल ने प्रस्ताव दिया तो पहले कैसे निवेश हुआ? यह विसंगति कैसे? क्या पूर्व में भी कोई प्रस्ताव डीएचएफएल द्वारा दिया गया था?
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के्रडिट रेटिंग के सापेक्ष निवेश किये जाने का आधार और गाइडलाइन क्या है? वित्त विभाग इस पर मौन क्यों है?
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कांन्सपरेसी लाॅज के तहत मदद करने वाले, सलाह देने वाले, अगर अप्रत्यक्ष रूप से भी शामिल हैं तो क्या सरकार उन पर कार्यवाही करेगी?
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संजय अग्रवाल, आलोक कुमार, अपर्णा, विशाल चैहान की भूमिका पर सरकार स्पष्ट करे कि मिनट आफ मीटिंग में यह कैसे पास कर दिया गया कि आगे की निवेश की जिम्मेदारी सचिव(ट्रस्ट) और निदेशक वित्त की सलाह/अनुमोदन पर होगा?
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तारीख 24-3-2017 के कार्यवृत्त में निवेश को लेकर राष्ट्रीय बैंक/ट्रिपल एएए क्रेडिट रेटिंग कम्पनी में निवेश बदलकर गवर्नमेन्ट नोटिफिकेशन 02-03-2015 के अनुसार करने का प्रस्ताव पास किया गया। यह नोटिफिकेशन क्या? अखिलेश यादव के समय जारी किये गये नोटिफिकेशन के आधार पर लिया गया? क्या पूर्ववर्ती सरकार ने कोई नोटिफिकेशन ऐसा जारी किया, तो क्यों?
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31-3-2017 पर तत्कालीन चेयरमैन संजय अग्रवाल ने सहमति जताते हुए स्पष्ट लिखा था कि बैठक अवश्य अप्रैल माह में बुला ली जाय, अप्रैल की बैठक हुई कि नहीं, यदि हुई तो किसकी उपस्थिति में?