SC के फैसले से कर्नाटक में ‘ऑपरेशन कमल’ के ढोल की पोल खुली: कांग्रेस
नई दिल्ली: कांग्रेस ने कर्नाटक के 17 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने संबंधी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय को उच्चतम न्यायालय द्वारा बरकरार रखे जाने के बाद बुधवार को प्रदेश की बी एस येदियुरप्पा सरकार के ‘नाजायज’ होने का आरोप लगाया और कहा कि इसे तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी येदियुरप्पा सरकार को बर्खास्त करने और विधायकों की ‘ऑपरेशन कमल’ की जांच का साहस दिखा पाएंगे? उन्होंने ट्वीट कर दावा किया, ‘‘उच्चतम न्यायालय के निर्णय ने कर्नाटक में ‘ऑपरेशन कमल’ के ढोल की पोल खोल दी। अब साफ़ है कि भाजपा ने जद(एस)-कांग्रेस की चुनी सरकार को जबरन गिराया था।’’
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘येदियुरप्पा सरकार क़ानून और संविधान की दृष्टि से एक ‘नाजायज़’ सरकार है और उसे फ़ौरन बर्खास्त करना चाहिए।’’ उन्होंने यह मांग भी की, ‘‘ जनमत और प्रजातांत्रिक मूल्यों की माँग है कि न केवल ‘नाजायज़’ येदियुरप्पा सरकार बर्खास्त हो पर विधायकों की धन बल के आधार पर ख़रीद कर चुनी हुई सरकार गिराने के भाजपाई षड्यंत्र की जांच हो।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘‘येदियुरप्पा टेप्स’ की जांच हो। ये सारा काला धन कहां से आया? भाजपा नेतृत्व की क्या भूमिका थी?’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘अब गेंद प्रधान मंत्री मोदी जी के पाले में है। क्या राजनीति की शुचिता की रोज़ दुहाई देने वाले मोदी जी अब ‘नाजायज़’ येदियुरप्पा सरकार को बर्खास्त करने का साहस दिखाएँगे? क्या ‘ऑपरेशन कमल’ की निष्पक्ष जाँच होगी? क्या येदियुरप्पा व अमित शाह की भूमिका की जांच होगी?’’
सुरजेवाला ने यह भी पूछा, ‘‘ क्या आप अब भी इन भगोड़े विधायकों को भाजपा की टिकट देंगे, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने ‘अयोग्य’ घोषित किया है?’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी, अगर आपने ये 4 कदम नही उठाए तो राजनीति की ‘गँगा’ को मैली करने की जिम्मेदारी सदा के लिए आपकी है।’’
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष द्वारा 17 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को बुधवार को बरकरार रखा लेकिन साथ ही विधायकों को पांच दिसंबर को उपचुनाव लड़ने की अनुमति भी दे दी। न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले का वह हिस्सा हटा दिया जिसमें कहा गया था कि ये विधायक 15वीं कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने तक अयोग्य ही रहेंगे।