आईआईटी कानपुर ने पूर्व छात्रों को किया सम्मानित
कानपुर: देश के पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में से एक और वैश्विक स्तर पर प्रशंसित राष्ट्रीय महत्व के संस्थान आईआईटी कानपुर ने आज सफलतापूर्वक 60 साल पूरे कर लिए। संस्थान की हीरक जयंती मनाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार प्रो. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम और केंद्रीय रक्षा सचिव श्री अजय कुमार सहित कई विशिष्ट पूर्व छात्रों को माननीय केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ’निशंक’ की मौजूदगी में सम्मानित किया गया।
समारोह में वर्तमान छात्रों के साथ-साथ देश और विदेश से आए 100 पूर्व छात्रों ने भाग लिया। इस अवसर पर संदीप वर्मा, सचिव, एसईआरबी, भारत सरकार और श्री राहुल मेहता, संस्थापक, द मेहता फैमिली फाउंडेशन भी उपस्थित थे।
शैक्षिक उत्कृष्टता, व्यावसायिक उत्कृष्टता और उद्यमिता उत्कृष्टता के लिए विशिष्ट पूर्व छात्रों को सम्मानित किया गया। अकादमिक उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार विजेताओं में प्रोफेसर शंकर सुब्रमण्यन, चेयर एंड प्रोफेसर बायोइंजीनियरिंग, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सैन डिएगो (1982), प्रो. नीताश पी. बलसारा, प्रोफेसर केमिकल एंड बायोमाॅलिक्यूलर इंजीनियरिंग, द चाल्र्स डब्ल्यू. टोबियास इलेक्ट्रोकेमिस्ट्री प्रोफेसर, बर्कले कॉलेज ऑफ केमिस्ट्री, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले (1982), प्रोफेसर अजीत रोहतगी, रीजेन्ट्स प्रोफेसर, स्कूल ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड कंप्यूटर इंजीनियरिंग, जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (1971) और प्रो. राजेश गोपकुमार सेंटर डायरेक्टर, आईसीटीएस-टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (1992) शामिल थे।
प्रोफेशनल एक्सीलेंस के तहत भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार प्रो. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन (1994), रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार (1984) और डॉ अरविंद कृष्ण (1985), सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, क्लाउड एंड कॉग्निटिव सॉफ्टवेयर, आईबीएम, न्यूयॉर्क सहित मेम्बर लोकपाल श्री दिनेश कुमार जैन (1981/1983) और सगैसिटो टेक्नोलॉजीज के सह-संस्थापक और अध्यक्ष श्री रवींद्र कुमार धारीवाल (1975) को पेशेवर उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया गया, जबकि उद्यमिता उत्कृष्टता पुरस्कार के लिए श्री अजीत सिंह, को-फाउंडर और एक्जीक्यूटिव चेयरमैन, थॉट्सपॉट (1997), श्री. अरुण सेठ (1973) ट्रस्टी, नैसकॉम फाउंडेशन, चेयरमैन और को-फाउंडर, ग्लोबल ग्रुपवेयर सॉल्यूशंस और पूर्व चेयरमैन ब्रिटिश टेलीकॉम और श्री प्रवीण भागवत (1990) संस्थापक और सीटीओ मोजो नेटवर्क को चुना गया।
श्री विकास वैभव (आईपीएस), डीआईजी, पूर्वी रेंज, भागलपुर बिहार (2001) को सत्येंद्र के दुबे मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित किया गया। स्वतंत्र वित्तीय सलाहकार श्री राकेश शर्मा (1978), डॉ. राम बी. मिश्रा (1968) मोंटक्लेयर स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर को विशिष्ट सेवाओं के पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जबकि यंग एलुमनीज अवार्ड श्री दीपक गर्ग (संस्थापक और सीईओ) रिविगो (2003) और डॉ. मनु प्रकाश (2002), एसोसिएट प्रोफेसर, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के नाम गया। इंस्टीट्यूट फेलो प्रो. कृपा शंकर, प्रो मोहिनी मुलिक और प्रो मधेरा माधव को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर माननीय केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ’निशंक’ ने कहा, ’सबसे पहले मैं आईआईटी कानपुर से अतीत और वर्तमान में जुड़े उन सभी लोगों को बधाई देना चाहता हूं, जिन्होंने इसे बेहतर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, इनमें छात्रों, फैकल्टी और अन्य अधिकारियों का हाथ है। विश्व स्तरीय संस्था बनाने में कड़ी मेहनत करने वालों को बधाई। मैं सभी पुरस्कार विजेताओं को उनके संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए बधाई देता हूं। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आईआईटी कानपुर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से एक बने, जिसके लिए मंत्रालय पूरा सहयोग देगा। यह मेरी यहां की पहली यात्रा है और मैं बुनियादी ढांचे और सुविधाओं में मदद की सौगात के साथ वापस आऊंगा।’
आईआईटी कानपुर के डायरेक्टर श्री अभय करंदीकर ने कहा, ’हम उन सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहते हैं जो इस अद्भुत यात्रा में हमारे साथ रहे और संस्थान को महान ऊंचाइयों तक पहुंचाने में कड़ी मेहनत की। हमारे पूर्व छात्रों ने विभिन्न विषयों में अपनी उपलब्धियों से हमें गौरवान्वित किया है। हम सरकार के समर्थन और भविष्य में उनके निरंतर प्रोत्साहन के लिए भी आभारी हैं। आईआईटी कानपुर में हमारे पास उत्तर प्रदेश के साथ मिलकर चिकित्सा, इंजीनियरिंग पार्क और डिफेंस एयरोस्पेस पार्क के लिए मेहता फैमिली फाउंडेशन सेंटर ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ महत्वाकांक्षी योजनाओं के साथ आगे के लिए एक रोमांचक राह है।’
1959 में स्थापित, आईआईटी कानपुर देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है। सर्वोत्तम अनुसंधान अवसंरचना और अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ, यह छात्रों को प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए नवाचार करने और समस्या को सुलझाने के दृष्टिकोण के साथ शिक्षित होने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह विज्ञान, इंजीनियरिंग और संबद्ध विषयों में ज्ञान का सृजन, प्रसार और अनुवाद करने के लिए एक दृष्टि के साथ स्थापित किया गया था, जो समाज की सर्वोत्तम सेवा करेगा और संस्थान ने अपनी सोच के अनुरूप इंजीनियरिंग, विज्ञान और शिक्षा में लर्निंग के एक प्रमुख सेंटर के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
वर्तमान में संस्थान में 7500 से अधिक छात्र विभिन्न विषयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। संस्थान का कैम्पस 1055 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें छात्रों और कर्मचारियों के लिए 108 भवन हैं। संस्थान विभिन्न विषयों पर शोध में दृढ़ता से विश्वास करता है। आईआईटी कानपुर के संकाय सदस्यों ने अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अवार्ड हासिल किए हैं, जिनमें पद्मश्री, इन्फोसिस प्राइज, हम्बोल्ट रिसर्च अवार्ड, शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, टीडब्ल्यूएएस पुरस्कार, नेशनल जे.सी. बोस फैलोशिप, फुलकर्सन पुरस्कार, गोएडेल पुरस्कार, राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (एनएएससी), भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (आईएनएसए), भारतीय विज्ञान अकादमी (एफएएससी), इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग (आईएनएई) और स्वर्णजयंती फैलोशिप प्रमुख हैं।