बीएफआईएल की पहल ‘संजीवनी’ नेशनल सीएसआर अवार्ड से सम्मानित
भारत फाइनेंशियल इनक्लूजन लिमिटेड (बीएफआईएल) की प्रमुख सीएसआर पहल ‘संजीवनी’ को ‘वर्ष 2019 में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियांे (पूर्व) में सीएसआर’ के लिए काॅर्पोरेट सीएसआर अवार्ड से सम्मानित किया गया। काॅर्पोरेट मामले मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया, यह नेशनल सीएसआर अवार्ड (एनसीएसआरए) उन काॅर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) पहलों को सम्मानित करता है, जो समावेशी विकास एवं पर्यावरण की सुरक्षा को बढ़ावा देता है। समाज में परिवर्तनकारी प्रभाव लाने वाली कंपनियों को यह पुरस्कार दिया जाता है। आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित शानदार समारोह के दौरान भारत के महामहिम राष्ट्रपति, श्री रामनाथ कोविंद ने बीएफआईएल के सीईओ व एमडी, श्री एमआर राव और चीफ पीपल आॅफिसर एवं हेड-सीएसआर, श्री श्रीनिवास रेड्डी वुदुमुला को यह सम्मान भेंट किया।
यह अनूठी एवं देशी सीएसआर पहल ‘संजीवनी’ के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को उनके यहां जाकर उनके पशुधन की देखभाल हेतु सेवाएं प्रदान की जाती है। ‘डाॅक्टर-ऐट-डोरस्टेप’ एप्रोच के तहत विशिष्ट मोबाइल ऐप्प-आधारित प्लेटफाॅर्म का उपयोग कर पशुधन देखभाल सेवाएं प्रदान की जाती हैं, जहां कोई भी किसान टोल-फ्री नंबर पर काॅल कर निर्धारित समय-सीमा के भीतर पशुधन के उपचार, उनकी आपतकालीन देखभाल, टीकाकरण, एआई एवं पोषण हेतु उपयुक्त सेवाएं प्राप्त कर सकता है। डाॅक्टर्स एवं पशु चिकित्साकर्मियों द्वारा प्रयुक्त एकीकृत आईटी प्लेटफाॅर्म एवं मोबाइल ऐप्प समय से ध्यानपूर्वक सेवाएं उपलब्ध कराने में सहायता करता है।
पशुधन के मालिकों और संबंधित आजीविका आयों में सहायता की खोज ने इस पहल को जन्म दिया। इस पहल के जरिए, पशुओं की अच्छी एवं समय से देखभाल की प्रमुख समस्या को हल करने में मदद मिलती है और इसका सकारात्मक असर किसानों की आमदनी एवं पशुओं के जीवन पर पड़ता है।
बीएफआईएल के सीईओ एवं एमडी, श्री एमआर राव ने अवसर पर कहा, ‘‘हमें यह अवार्ड मिलना हमारे लिए बेहद सम्मान की बात है। नेशनल सीएसआर अवार्ड्स (एनसीएसआरए) समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाली सीएसआर पहलों को सम्मानित करने में हमेशा से अग्रणी रहा है। यह सम्मान भारत के ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका के साधनों में सहयोग करने; और इसके अलावा किसानों को ऋण सुविधा उपलब्ध कराने हेतु हमारी निरंतर वचनबद्धता को दोहराता है।
बीएफआईएल भारत के 20 राज्यों के 1.2 लाख गांवों में काम करता है। भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने के हमारे अनुभव और वहां के लोगों की आवश्यकताएं समझने की हमारी क्षमता ने संजीवनी पहल शुरू करने हेतु प्रेरित किया।
वर्ष 2016 में शुरू की गई संजीवनी पहल के जरिए अब तक झारखंड, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के 71 जिलों के 8 लाख किसानों और 9.15 लाख पशुओं के लिए सेवाएं उपलब्ध कराई जा चुकी हैं।’’
भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश परिवारों के लिए पशुधन उनके परिवार का एक अभिन्न हिस्सा होता है, और अधिकांशतया यह उनकी आजीविका का साधन होता है। मुश्किल समय में, पशुधन की मदद से अतिरिक्त आय हासिल की जा सकती है। हालांकि, पशुओं के बीमार हो जाने पर, किसानों को उपचार हेतु किसी दूसरी जगह ले जाने के लिए काफी पैसा खर्च करना पड़ता है। साथ ही, स्थानीय नीम-हकीमों पर निर्भरता के चलते अक्सर किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
बीएफआईएल के चीफ पीपल आॅफिसर एवं हेड-सीएसआर, श्री श्रीनिवास रेड्डी वुडुमुला ने कहा, ‘‘संजीवनी 108 नंबर पर उपलब्ध एंबुलेंस सेवा जैसी है; बस अंतर इतना है कि यह ग्रामीण क्षेत्रों के पशुओं के लिए है। मामूली शुल्क पर उपलब्ध होने के चलते, संजीवनी से किसानों को काफी राहत मिली है, क्योंकि इसके न होने की स्थिति में किसानों को पशुधन के उपचार हेतु काफी पैसे खर्च करने पड़ते और वो भी नीम-हकीम चिकित्सकों को देना होता। हमारी टीम अत्यावश्यक दवाओं और उपकरणों के साथ चलती है ताकि किसानों के यहां जाकर उनके पशुओं के लिए चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। हम इस अवसर पर झारखंड, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के पशुपालन विभाग, झारखंड मिल्क फेडरेशन एवं नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) को उनके मार्गदर्शन एवं सहयोग हेतु धन्यवाद देना चाहते हैं।’’