चिकित्सक रोगी की मानसिकता पहचान कर इलाज करें: राज्यपाल
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय का 15वां दीक्षान्त समारोह सम्पन्न
लखनऊः उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने आज यहां किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त करना प्रत्येक मनुष्य का अधिकार है। देश की अधिकांश जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है, जो जानकारी के अभाव में मंहगे इलाज होने की वजह से चिकित्सा विज्ञान की प्रगति का पूरा लाभ नहीं उठा पा रहा है। इन्हें चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में हमारे चिकित्सकों को विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों एवं वृद्धों पर अत्यधिक ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन संस्कृति भी उस समाज की स्थापना करने के लिये कहती है, जहां सभी सुखी हों एवं सभी निरोग हों। उन्होंने किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के चिकित्सकों का ध्यान आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की ओर आकृष्ट करते हुए कहा कि समाज के गरीब और वंचित परिवारों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान देंगे।
राज्यपाल ने रोगी एवं चिकित्सक के संबंधों के विषय में चिकित्सा छात्रों का ध्यान आकृष्ट करते हु ए कहा कि वे बदलते परिवेश में रोगी-चिकित्सक के संबंध में हो रहे परिवर्तनों को जरूर पहचानें क्योंकि रोगी की अपेक्षा होती है कि वह यथाशीघ्र स्वस्थ हो जाए, ऐसी दशा में रोगी की इस मानसिकता को उसके उपचार में शामिल करना होगा। उन्होंने चिकित्सकांे को याद दिलाया कि उनका पेशा परोपकार से जुड़ा है, जहां रोगी उनको भगवान का दर्जा देता है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को इस दर्जे का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय के चिकित्सकों एवं भावी चिकित्सकों से अपेक्षा की कि वे अपनी चिकित्सा सेवा में रोगी से पारस्परिक संवाद को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे।
छात्राओं द्वारा स्नातक स्तर पर छात्रों से अधिक मेडल प्राप्त करने पर खुशी व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह महिला सशक्तीकरण का एक ज्वलन्त उदाहरण है। उन्होंने इन छात्राओं से अपेक्षा की कि वे बालिकाओं के समग्र स्वास्थ्य की ओर विशेष ध्यान देंगी तथा ग्रामीण महिलाओं में कुपोषण एवं विभिन्न बीमारियों के संबंध में जागरूकता पैदा करेंगी।
राज्यपाल ने इस बात पर दुःख व्यक्त किया कि चिकित्सालयों के निरीक्षण के दौरान कुछ रोगियों द्वारा मेरे संज्ञान में लाया गया कि उनसे इलाज के पैसे मांगे जाते है। यह स्थिति चिन्तनीय व निन्दनीय है। उन्होंने कहा कि गलती एक की होती लेकिन बदनामी पूरे संस्थान की होती है। चिकित्सालय प्रशासन को इस बात पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
दीक्षान्त समारोह में राज्यपाल ने विभिन्न विषयों में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को मेडल एवं उपाधि प्रदान कर सम्मानित किया तथा उनके भावी सुखमय जीवन के लिये शुभकामनाएं दीं।
इससे पूर्व चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एम0एल0बी0 भट्ट ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
दीक्षान्त समारोह को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक प्रोफेसर बलराम भार्गव तथा प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने भी सम्बोधित किया।