सौरव गांगुली ने संभाला बीसीसीआई के नए अध्यक्ष का पद
नई दिल्ली: भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने बुधवार को बीसीसीआई की साधारण सभा (एजीएम) में बोर्ड के 39वें अध्यक्ष के रूप में पद संभाला। इसी के साथ बीसीसीआई में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) का 33 महीने से चला आ रहा शासन खत्म हो गया। बीसीसीआई की इस बैठक के लिए सौरव गांगुली, जय शाह और विनोद राय समेत सभी प्रमुख सदस्य बीसीसीआई मुख्यालय पहुंच चुके।
बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए गांगुली का नामांकन सर्वसम्मति से हुआ है जबकि जय शाह सचिव होंगे। उत्तराखंड के माहिम वर्मा नए उपाध्यक्ष होंगे। बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर के छोटे भाई अरुण सिंह धूमल कोषाध्यक्ष होंगे जबकि केरल के जयेश जॉर्ज संयुक्त सचिव होंगे। गांगुली का कार्यकाल नौ महीने का ही होगा। यदि संविधान में बदलाव नहीं हुआ तो उन्हें जुलाई में पद छोड़ना होगा क्योंकि छह साल के कार्यकाल के बाद तीन साल का "कूलिंग ऑफ" अनिवार्य है।
दरअसल, 2013 में आईपीएल के दौरान स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के आरोपों के बाद सुप्रीम कोर्ट को बीसीसीआई के कामकाज में दखल देना पड़ा। दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता लाने, भ्रष्टाचार खत्म करने समेत कई सुधारों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी 2015 को जस्टिस आर. एम. लोढ़ा के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया। समिति ने उसी साल 14 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए गांगुली का नामांकन सर्वसम्मति से हुआ है जबकि गृह मंत्री अमित शाहके बेटे जय शाह सचिव, उत्तराखंड के महीम वर्मा उपाध्यक्ष, बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर के भाई अरूण धूमल कोषाध्यक्ष और केरल के जयेश जार्ज संयुक्त सचिव होंगे।
गांगुली का कार्यकाल 9 महीने का ही होगा और उन्हें जुलाई में पद छोड़ना होगा, क्योंकि नए संविधान के प्रावधानों के तहत छह साल के कार्यकाल के बाद कूलिंग ऑफ पीरियड शुरू हो जाएगा। वह 2014 में बंगाल क्रिकेट संघ के संयुक्त सचिव बने थे। ऐसे में 47 वर्षीय गांगुली जुलाई 2020 में कैब पदाधिकारी के तौर पर छह साल पूरे कर लेंगे। कूलिंग ऑफ पीरियड तीन साल का होता है और इस दौरान वह किसी पद पर नहीं रह सकते।