यूपी उपचुनाव: लखनऊ कैण्ट में मात्र 28 प्रतिशत पोलिंग, गंगोह सीट पर 60.30 प्रतिशत वोटिंग
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के तहत सोमवार को शाम छह बजे तक मतदान समाप्त होने तक 47.05 प्रतिशत वोट पड़े।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक कहीं से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। कुछ स्थानों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को लेकर कुछ शिकायतें मिलीं, लेकिन उन्हें जल्द ही दूर कर लिया गया।
गंगोह सीट पर 60.30 प्रतिशत, रामपुर सीट पर 44, इगलास सीट पर 36.20, लखनऊ (कैंट) पर 28.53, गोविंद नगर सीट पर 32.60, मानिकपुर सीट पर 52.10, प्रतापगढ़ में 44, जैदपुर सीट पर 58, जलालपुर सीट पर 58.80, बलहा सीट पर 52 तथा घोसी सीट पर 51 फीसद वोट पड़े हैं। उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा आम चुनाव में गंगोह सीट पर 71.92 प्रतिशत, रामपुर में 56.16 प्रतिशत, इगलास सीट पर 64.88 प्रतिशत, लखनऊ कैंट पर 50.77, गोविंद नगर सीट पर 52.48, मनिकपुर सीट पर 59.44, प्रतापगढ़ सीट पर 55.56, जैदपुर सीट पर 69.71,जलालपुर सीट पर 62.55, बलहा सीट पर 57.83 और घोसी सीट पर 58.67 प्रतिशत वोट पड़े थे ।
राज्य में 2012 के विधानसभा चुनाव में गंगोह सीट पर 72.22 प्रतिशत, रामपुर में 54.55 प्रतिशत, इगलास सीट पर 61.72 प्रतिशत, लखनऊ कैंट पर 50.56, गोविंद नगर सीट पर 49.21, मनिकपुर सीट पर 60.18,प्रतापगढ़ 55.27, जैदपुर सीट पर 66.34, जलालपुर सीट पर 61.70, बलहा सीट पर 60.97 और घोसी सीट पर 56.59 प्रतिशत वोट पड़े थे । इस उपचुनाव में कुल 4108328 मतदाताओं के लिए 2307 मतदान केंद्रों के 4529 मतदेय स्थलों पर वोट डालने की व्यवस्था की गयी थी ।
उपचुनाव में कुल 109 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा। मतदान के लिए 5435 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें, इतनी ही बैलट यूनिट तथा 5888 वीवीपैट तैयार की गई हैं। उप चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए पर्याप्त संख्या में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई थी।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 11 सीटों में से आठ पर भाजपा तथा एक-एक पर सपा, बसपा और भाजपा के सहयोगी अपना दल के विधायक जीते थे। घोसी को छोड़कर जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है वे उन पर चुने गए विधायकों के पिछले लोकसभा चुनाव में विजय हासिल करने के बाद विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देने की वजह से रिक्त हुई हैं। घोसी सीट इस पर चुने गए विधायक फागू सिंह चौहान को बिहार का राज्यपाल बनाए जाने के बाद उनके इस्तीफे के कारण खाली हुई है।