तो क्या सीएम से भी जनता को नहीं मिलेगा न्याय?
लखनऊ: समाजसेवी तनवीर अहमद सिद्दीकी ने बताया यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ हमेशा ही गरीबों के मसीहा रहे हैं। आम जनता की फरियाद को सुनने के लिए आए दिन अधिकारियों को फटकार ही नहीं लगाते लापरवाही बरतने पर सख्त से सख्त कार्यवाही कर चेताते भी रहते हैं। इसके बाद भी सीएम योगी की हर कोशिशें बेकार हो रही हैं। आम जनता को न्याय नहीं मिल पा रहा है। अंतिम रूप में प्रदेश की जनता सीएम योगी के दरबार में पहुंचकर ही न्याय की गुहार लगाती है लेकिन सितंबर 2019 से न्याय का अंतिम दरबार भी बंद हो गया है।
तनवीर अहमद सिद्दीकी ने बताया दरअसल, प्रदेश सरकार की आइजीआरएस (समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली) की सभी सेवाएं ठप हो गईं हैं। इतना ही नहीं सीएम हेल्पलाइन नंबर 1076 ने भी काम करना बंद कर दिया है। इस कारण लोग अपनी समस्या के निवारण के लिए आइजीआरएस पर शिकायत नहीं कर पा रहे हैं। पहले की शिकायतों की कोई सूचना भी नहीं मिल रही है। यह शिकायत तनवीर ने उस समय की जब कई शिकायतों का कोई जवाब पिछले कई दिनों से नहीं मिल पाया।
समाजसेवी सिद्दीकी का कहना है कि जनसमस्याओं की घर बैठे आनलाइन शिकायतें दर्ज करने और उसके संबंध में होने वाली कार्रवाई की जानकारी आइजीआरएस के द्वारा प्राप्त की जा सकती है। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकताओं में भी है। अधिकारियों को सख्त हिदायत है कि आइजीआरएस की शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण तरीके से त्वरित निस्तारण करें। इसके बाद भी जनशिकायतों के लिए ऐसा सुलभ व महत्वपूर्ण माध्यम ठप है। बार-बार चेक करने के बाद पोर्टल खुल नहीं रहा है। इससे गरीबों के लिए न्याय का अंतिम दरवाजा भी बंद सा हो गया है। पीड़ित दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।
तनवीर सिद्दीकी ने बताया कि जनसुनवाई पोर्टल खोलने पर शिकायत पंजीकरण, शिकायत की स्थिति, अनुस्मारक भेजें, निस्तारण पर फीडबैक देने आदि को क्लिक करने पर 'कृपया कुछ समय बाद कोशिश करें' का मैसेज आ रहा है। पीड़ित जनता अपनी शिकायतें दर्ज नहीं कर पा रही है। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी कोई चिंता नहीं है। मानो अधिकारियों के सिर से बहुत बड़े बोझा का भार ही उतर गया हो। शायद इसलिए इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा। कोई शिकायत पहले प्राप्त हुई है तो उसके निस्तारण को प्रशासन अपलोड भी नहीं कर पा रहा है। इसमें मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री सन्दर्भ, आर्थिक मदद सन्दर्भ से जुड़ी गांव से लेकर ब्लॉक, तहसील, थाना व जिला स्तर तक सभी जनसमस्याओं का काम प्रभावित हैं।