बिहारी स्वाभिमान को बुंलद करने वाली है कीर्ति आजाद की फिल्म ‘किरकेट’
'किरकेट – बिहार के अपमान से सम्मान तक' बिहार के स्वाभिमान को बुलंद करने वाली फिल्म है। फिल्म के जरिए खेलों के प्रति जागृति लाने की कोशिश की गई है जो सराहनीय है। अन्य खेलों में भी जागृति के लिए ऐसी पहल होनी चाहिए। बिहार में क्रिकेट की जैसी स्थिति है, शायद इस फिल्म को देखकर लोग प्रभावित होंगे। फिल्म में बिहार का इमोशन जो कहीं न कहीं दब गया था, वो देखने को मिला है। नेता होते हुए कीर्ति आजाद ने कमाल का अभिनय किया है। उन्होंने फिल्म में जो सेंटीमेंट पैदा की है, वह अनायास ही हमें ताली बजाने को मजबूर कर देता है। हर बिहारी को यह फिल्म देखनी चाहिए। यह फिल्म कल यानि 18 अक्टूबर से सिनेमाघरों में होगी।
ये बातें आज 1983 वर्ल्ड कप की विजेता टीम के सदस्य रहे कीर्ति आजाद की फिल्म 'किरकेट- बिहार के अपमान से सम्मान तक' के प्रेस प्रीमियर शो के बाद पत्रकारों और शो में आए अतिथियों ने कही है। इस फिल्म का प्रीमियर आज राजधानी पटना के सिनेपोलिस में किया गया, जहां खुद कीर्ति आजाद ने फिल्म की पूरी टीम और पत्रकारों से साथ बैठ कर फिल्म देखी। फिल्म में कीर्ति आजाद के संघर्ष तो दिखते ही हैं, साथ में दिखता है पूरा बिहार। इसके अलावा बिहार के लोगों को आपस में बांटने वाली राजनीति, जात-पात और भेदभाव पर भी चोट करती है फिल्म 'किरकेट- बिहार के अपमान से सम्मान तक'। यह फिल्म भावनात्मक रूप से भी दर्शकों को अपने साथ जोड़ने में सफल रही है। म्यूजिक कहानी के हिसाब से फिल्म में सुनने को मिले हैं।
सधी हुई शुरूआत के बाद फिल्म की कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे फिल्म का एंटरटेनमेंट लेवल बढ़ता है। फिल्म के डायरेक्टर योंगेंद्र सिंह ने एक बेहद गंभीर फिल्म को पूरी सहजता के साथ पर्दे पर उतार दिया है। फिल्म को ड्रामेटिक अंदाज में प्रेजेंट करते हुए उन्होंने बिहार को फिल्म से बाहर नहीं निकलने दिया है, जो अमूमन बॉलीवुड की दूसरी फिल्मों में देखने को मिलता है। फिल्म के संवाद बेहद पावरफुल हैं। कीर्ति आजाद के साथ फिल्म का हर एक किरदार अपने भूमिका के साथ न्याय करता नजर आता है।
येन मूवीज द्वारा ए स्क्वायर प्रोडक्शंस, धर्मराज फिल्म्स और जे के एम फिल्म्स के सहयोग से बनाई गई इस फिल्म के निर्माता आर के जलान, सोनू झा और विशाल तिवारी हैं। इस फिल्म में मूल रूप से बिहार क्रिकेट संघ के बंटवारे और बिहार रणजी टीम की मान्यता रद्द करने की कहानी को दिखाया गया है। फिल्म की कहानी विशाल विजय कुमार ने लिखी है। कीर्ति आजाद के अलावा फिल्म में विशाल तिवारी, सोनम छाबड़ा, सोनू झा, देव सिंह, सैफल्ला रहमानी, अजय उपाध्याय, रोहित सिंह मटरू, आलोक कुमार, धामा वर्मा जैसे कलाकार मुख्य भूमिका में नजर आएंगे।