कश्मीर में पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवाएं बहाल
नई दिल्ली: 72 दिनों के बाद सोमवार को कश्मीर घाटी में सभी नेटवर्क पर पोस्टपेड मोबाइल सेवाओं को बहाल कर दिया गया। अब लगभग 40 लाख पोस्टपेड मोबाइल फोन सोमवार दोपहर से चालू हो गए हैं। इसमें कश्मीर के सभी 10 जिले शामिल हैं। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र के 5 अगस्त के फैसले के बाद से राज्य में सभी नेटवर्क और लैंडलाइन कनेक्शन बंद कर दिए गए थे।
जम्मू-कश्मीर के प्रमुख सचिव रोहित कंसल ने इस विषय में एक प्रेस ब्रीफ में कहा था कि स्थिति की समीक्षा करने के बाद निर्णय लिया गया है कि जम्मू-कश्मीर के बाकी इलाकों में मोबाइल फोन सेवा बहाल कर दी जाए। सरकार ने फिलहाल पोस्टपेड मोबाइल पर कॉलिंग की सुविधा शुरू करने का फैसला लिया है। लोगों को मोबाइल इंटरनेट के लिए अभी कुछ और दिनों का इंतजार करना पड़ेगा। इसके अलावा प्रीपेड सेवा पर भी फैसला बाद में होगा। घाटी में लगभग 66 लाख मोबाइल ग्राहक हैं, जिनमें से लगभग 40 लाख ग्राहकों के पास पोस्ट-पेड सुविधाएं हैं। केंद्र द्वारा पर्यटकों के लिए घाटी खोलने की सलाह जारी करने के बाद यह फैसला सामने आया है।
हालांकि, लैंडलाइन कनेक्शन तो कुछ चरणों में खोल दिए गए थे, मगर घाटी के कई इलाकों में मोबाइल सेवाओं पर प्रतिबंध बने रहे थे। शनिवार को कंसल ने कहा कि इलाके में लैंडलाइन सेवाएं पूरी तरह से बहाल हो चुकी हैं और कुछ क्षेत्रों जैसे, जम्मू, लद्दाख और बाद में कुपवाड़ा में मोबाइल सर्विस भी फिर से चालू हो गई हैं। जम्मू-कश्मीर के 99 प्रतिशत इलाके में आने-जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
10 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के गवर्नर पर्यटकों के लिए जारी ट्रैवल एडवाइजरी वापस लेने का ऐलान कर चुके हैं। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने के पहले पर्यटकों को कश्मीर छोड़ने की एडवाइडरी जारी की थी। एडवाइजरी वापस लेने के साथ ही राज्य सरकार ने सैलानियों को सभी जरूरी सहायता देने का ऐलान किया है।
केंद्र द्वारा संविधान की धारा 370 के तहत राज्य के विशेष दर्जा खत्म किए जाने की घोषणा के बाद 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर में मोबाइल सेवाएं बंद कर दी गईं। घाटी में 17 अगस्त को आंशिक फिक्स्ड लाइन टेलीफोन को फिर से शुरू किया गया था, और 4 सितंबर तक लगभग 50,000 की संख्या वाली सभी लैंडलाइनों को चालू किए जाने की घोषणा की गई थी।
जम्मू में पाबंदियों के दिनों के भीतर संचार प्रणाली को बहाल कर दिया गया था और यहां तक कि मोबाइल इंटरनेट भी अगस्त के मध्य में शुरू किया गया था। हालांकि, इसके दुरुपयोग के बाद 18 अगस्त को सेलुलर फोन पर इंटरनेट की सुविधा समाप्त हो गई थी।