डा0 कलाम साइंस की दुनिया के कबीर थे: प्रो0 अब्बास रज़ा नय्यर
लखनऊ: अहबाब फाउएडेशन एवं लखनऊ वि’वविद्यालय के उर्दू विभाग के संयुक्त तत्वावधान में डा0 ए.पी.जे अब्दुल कलाम के जन्मदिन के अवसर पर एक दिवसीय संगोष्टी का आयोजन उर्दू विभाग के मसूद हसन रिज़वी हाल में हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पदमश्री प्रो0 आसिफा ज़मानी, कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो0 अब्बास रज़ा नय्यर उर्दू विभागाध्यक्ष ने की। विशिष्ठ अतिथि व वक्ताओं में मौलाना इक़बाल अहमद आज़मी मदनी, वैज्ञानिक हरमेश चौहान, डा0 असमत मलिहाबादी, डा0 तबस्सुम ख़ान और डा0 अंजु सक्सेना उपस्थित थे। स्वागत समिति के सचिव सलमा ख़ान और मोहम्मद तौक़ीर ने मेहमानों का स्वागत पौधा भेंट करके किया। कार्यक्रम का संचालन डा0 मसीउद्दीन ख़ान ने किया।
पदमश्री आसिफा ज़मानी ने कहा कि मुझे पदमश्री सम्मान मुझे कलाम के करकमलों से ही मिला था, उनके चेहरे पर अजीब आकर्षण करने वाला तेज था, उनको साइंस में महारत हासिल थी। अध्यक्षता करते हुए प्रो0 अब्बास रज़ा नय्यर ने कहा, कलाम साइंस की दुनिया के कबीर थे, वह सिर्फ मिज़ाइलमैन ही नहीं, एक सम्पूर्ण इन्सान थे, उनकी शायरी में प्रकृतिक की पूरी झलक देखने को मिलती है। उनको समाज और शिक्षा के कई क्षेत्रों पर वर्चस्व प्राप्त था। मौलाना इक़बाल अहमद आज़मी मदनी, ने कहां कि ग़रीब घर से सम्बन्ध रखते थे, लेकिन अपनी शिक्षा के बल पर मिज़ाइलमैन बने। कार्यक्रम के आयोजक मो0 खालिद आज़मी ने कहां कलाम सहाब बिलकुल सादा विचारों और ज़मीन से जुड़े हुए व्यक्ति थे, देश को गर्व होना चाहिए कि इतना शिक्षित और प्रशिक्षित व्यक्ति देश का राष्ट्रपति बना। वैज्ञानिक हरमेश चौहान ने कहा मेरा कलाम सहाब का थोड़ा बहुत साथ, वह बहुत ही सरल आदमी थे, कोई बनावत न थी। उन्हेंाने विज्ञान के क्षेत्र में जो काम किये है, वह हमेशा याद किये जायेंगे, मै उनको सलाम करता हूॅ। स्वागत समिति के अध्यक्ष एस.एन.लाल ने कहां ऐसा विज्ञानिक जो इतने बड़े-बड़े पदों पर रहा, पदों पर रहने हुए भी सिर्फ देश के लिए जिया ऐसे लोग कम होते हैं। इसके अतिरिक्त डा0 असमत मलिहाबादी, डा0 तबस्सुम ख़ान और डा0 अंजु सक्सेना ने भी कलाम साहब के बारे में अपने विचार रखे।
डा0 ए.पी.जे अब्दुल कलाम पर वि.वि.के छात्रों में पर्चा पढ़ने वालों में अब्दुल रहमान, मोहित और जितेन्द्र अजनबी भी शामिल थे। इस अवसर पर डा0 फाज़िल हाशमी, डा0 जनिसार जलालपुरी, डा0 क़मर इक़बाल, डा0 इशरत मुर्ताज़ा सिदद्दीक़ी, डा0 यासिर जमाल, डा0 अली ज़फर, हिमायु चौधरी, शाहिद फलाही, नजमुल हसन, सतीश दिक्षित उपस्थित थे।