इथियोपिया के प्रधानमंत्री अहमद अली बने 2019 के नोबल शांति दूत
नई दिल्ली: इस साल के लिए नोबेल शांति पुरस्कार का ऐलान हो गया है। इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली को 2019 के लिए प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा। उन्हें उनके शांति प्रयासों खासकर पड़ोसी देश इरिट्रिया के साथ सीमा विवाद को हल करने में अहम भूमिका के लिए यह पुरस्कार दिया जाएगा। अबी अहमद को इथियोपिया का नेल्सन मंडेला भी कहा जाता है।
43 साल के अबी अहमद अप्रैल 2018 में इथियोपिया के प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने उसी वक्त साफ कर दिया था कि वह इरिट्रिया के साथ शांति वार्ता को बहाल करेंगे। उन्होंने इरिट्रिया के राष्ट्रपति इसैयस अफवर्की के साथ मिलकर तुरंत इस दिशा में पहल शुरू की।
अली आर्मी में इंटेलिजेंस अफसर थे। उन्होंने देश में बड़े पैमाने पर आर्थिक और राजनीतिक सुधार लागू किए। उन्होंने इथियोपिया के अपने पड़ोसी देश इरीट्रिया से 20 साल चले विवाद को समाप्त करने में अहम भूमिका निभाई। उन्हें नोबेल दिए जाने के लिए यही सबसे बड़ा आधार बना। अबी 2018 में प्रधानमंत्री बने थे, तब उन्होंने साफ कर दिया था कि वे इरीट्रिया के साथ शांति वार्ता को दोबारा शुरू करेंगे। इरीट्रिया के राष्ट्रपति इसाइआस अफवेरकी के साथ अबी ने शांति समझौते के लिए तेजी से काम किया और दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवाद को खत्म किया।
इससे पहले गुरुवार को साहित्य के नोबेल पुरस्कार का ऐलान हुआ। इस बार 2018 और 2019 दोनों सालों के नोबेल साहित्य पुरस्कार दिए जाने की घोषणा हुई। 2019 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार आस्ट्रियाई मूल के लेखक पीटर हैंडके को दिया जाएगा। आस्ट्रिया मूल के लेखक पीटर को उनके इनोवेटिव लेखन और भाषा में नवीनतम प्रयोगों के लिए ये पुरस्कार दिया गया है।
जबकि लेखन के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता की भी भूमिका निभाने वाली पोलैंड की ओल्गा टोकारजुक को 2018 का साहित्य का नोबेल दिए जाने की घोषणा हुई है। साल 2018 में उन्हें उपन्यास फ्लाइट्स (जेनिफर क्रॉफ्ट द्वारा अनुवादित) के लिए बुकर पुरस्कार भी दिया गया था। वो पोलैंड की पहली लेखिका हैं जिन्हें अपने काम के लिए नोबेल और बुकर दोनों ही पुरस्कार मिल चुके हैं।