अपराधियों में शासन व प्रशासन का तनिक भी भय नहीं: आराधना मिश्रा
लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधान मण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा ‘‘मोना’’ ने कहा है कि वर्तमान में पूरे प्रदेश में जैसे खूनी जंग छिड़ी हुई है, और ऐसा लगता है जैसे प्रदेश में जंगलराज कायम हो गया है । प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों के साथ बलात्कार, सामूहिक बलात्कार , हत्या, लूट, छिनैती और जबरन वसूली की घटनायें आम हो गयी हैं, अपराधी निर्भय होकर ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं और उनको प्रशासन का तनिक भी भय नहीं रहा । उन्होंने कहा कि जो सरकार अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं की रक्षा नहीं कर पा रही है वह पूरे प्रदेश को क्या सुरक्षा दे पायेगी ?
श्रीमती आराधना मिश्रा ने कहा कि कानपुर में कांग्रेस कार्यकर्ता शोएब खान की हत्या अपराधियों ने कर दी । ऐसा लगता है कि अपराधियों को प्रशासन का कोई भय नहीं रह गया है।
श्रीमती मिश्रा ने कहा कि जनपद बस्ती में विद्यार्थी परिषद के नेता एवं पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ए.पी.एन.पी.जी. कालेज के आदित्य नारायण तिवारी उर्फ कबीर की हत्या सुबह गोली मारकर कर दी जाती है, सहारनपुर में भा.ज.पा. किसान नेता की दिन दहाड़े हत्या कर दी गयी, बरेली में भा.ज.पा. नेता के भतीजे की निर्मम हत्या कर दी गयी । उन्होंने आगे कहा कि जनपद बस्ती और सहारनपुर में रंजिश के कारण ये हत्यायें हुई है, औार प्रशासन इस घटना की जानकारी पाने में पूरी तरह नाकाम रहा, कि ऐसी घटना होने वाली है । इसी तरह से अलीगढ़ में 52 साल के एक व्यक्ति की हत्या प्रापर्टी को लेकर कर दी जाती है ।
श्रीमती मिश्रा ने कहा कि बलरामपुर में प्रतिमा विसर्जन जुलूस पर दो पक्षों के बींच पथराव की तीन घटनायें हुई, किन्तु जिला पुलिस को इसकी कोई पूर्व जानकारी नहीं थी कि इस तरह की कोई घटना हो सकती है और नही सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम ही किये गये थे । उन्होने आगे कहा कि बाराबकी में एक 14 साल की किशोरी के साथ सामूहिक बलात्कार की शर्मनाक घटना हुई । आज प्रदेश में अपराधी और अराजक तत्वों द्वारा घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है और उनमें थोड़ा भी भय नहीं रह गया है ।
श्रीमती मिश्रा ने सरकार को आगाह किया कि सरकार को जल्द ही ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए जिससे प्रदेश में होने वाली दुर्घटनाओं का पता तुरंत पुलिस को लग सके । यदि थाने के बीट के सिपाही और दरोगा अपनी – अपनी भूमिका ठीक से निभाये तो रंजिश में होने वाले अपराध, त्यौहारों पर निकलने वाले जुलूस के दंगों पर काफी हद तक लगाम लगायी जा सकती है अन्यथा पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल व्याप्त हो जायेगा ।