इस दशहरा, अपनी खराब वित्तीय आदतों पर काबू पाएं: सुजाता अहलावत
भारतीयों के लिए दशहरा एक प्रमुख त्यौहार है। देश के अधिकांश हिस्सों में नवरात्रि के शानदार नृत्य-उत्सव की उत्सुकता से प्रतीक्षा रहती है, जबकि अन्य जगहों में इसे रावण के वध के रूप में बुराई पर अच्छाई की जीत वाले त्यौहार के रूप में देखा जाता है। और हम सब भी इसी बात में विश्वास करते हैं – बुराई पर अच्छाई की जीत। अब, क्या हम इसे अपनी व्यस्त जीवनशैली से जोड़कर देख सकते हैं? क्या ‘‘बुराई पर अच्छाई की जीत’’ की इस धारणा को हम अपनी दिनचर्या से भी जोड़ कर देख सकते हैं?सुजाता अहलावत, वीपी एवं हेड – डाइरेक्ट टू कंज्यूमर इंटरेक्टिव, ट्रांसयूनियन सिबिल के अनुसार, इन सवालों का उत्तर है – बिल्कुल ‘‘हां’’, और यहां जानते हैं कि कैसे। आज, हमारे लक्ष्य हमारी दृढ़ इच्छा और उन्हें हासिल करने हेतु हमारे द्वारा अपनाये जाने वाले तरीकों से तय होते हैं। आर्थिक जगत में, ऋण ऐसा प्रभावकारी कारक है जो हमें इन लक्ष्यों को हासिल करने में अपूर्व तेजी एवं सरलता से हासिल करने में हमारी मदद करता है। आपके ऋण पाने की संभावना का निर्धारण उच्च क्रेडिट स्कोर से होता है, जो क्रेडिट हिस्ट्री और पिछली चुकौती की प्रवृत्तियों पर आधारित है।इस दशहरा, चूंकि हम बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व मना रहे हैं, आइए देखते हैं कि कैसे हम खराब वित्तीय आदतों को हराकर सकारात्मक क्रेडिट प्रोफाइल की ओर बढ़ सकते हैं, जिससे हमें अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिले।
यहां ऐसी पांच खराब वित्तीय आदतें दी गई हैं जिन्हें ठीक करने के लिए आपको होशियार रहना चाहिएरू लुंजपुंज प्रवृत्ति, लोन की ईएमआई या क्रेडिट कार्ड के इनवाॅयस का सही समय से भुगतान न कर पाने पर विलंब हेतु जुर्माना एवं अन्य शुल्क लग सकते हैं। महज एक लोन एकाउंट की मामूली बकाया राशि भी तेजी से बढ़ सकती है, और इसके चलते आपका क्रेडिट स्कोर नीचे आ सकता है। अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि आपके क्रेडिट रिपोर्ट में दिखने वाली इस राशि के चलते भविष्य में ऋण हासिल करने की आपकी पात्रता प्रभावित हो सकती है। याद रखें कि लोन एकाउंट या क्रेडिट कार्ड का बकाया समय से चुकाने की आपकी आदतों के चलते आपका क्रेडिट स्कोर ऊपर या नीचे जा सकता है, जो कि इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे किस रूप में लेते हैं। जिम्मेवारीपूर्ण ऋण व्यवहार की शुरूआत अपने बकाया पैसे का समय से, पूरा-पूरा और हर बार भुगतान करने के साथ होता है। आप इसके लिए कैलेंडर रिमाइंडर भी सेट कर सकते हैं ताकि ध्यान रहे कि भुगतान के समय आपके खाते में पर्याप्त राशि रहे। अप्रत्याभूत ऋणों के प्रति झुकाव,प्रत्याभूत ऋण की मंजूरी भौतिक संपाश्र्विक के आधार पर दिया जाता है, जैसे होम लोन या कार लोन। दूसरी तरफ, अप्रत्याभूत ऋण ऐसे ऋण या लोन होते हैं जिन्हें बिना किसी संपाश्र्विक के मंजूरी दे दी जाती है, जैसे पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड। इन दोनों में से अप्रत्याभूत ऋणों में काफी जोखिम होता है, क्योंकि ये किसी संपाश्र्विक (कोलैटरल) के आधार पर नहीं दिये जाते हैं। अपने क्रेडिट पोर्टफोलियो की समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि आपके पोर्टफोलियो में प्रत्याभूत और अप्रत्याभूत दोनों ही ऋणों का उचित मिश्रण हो। नये या अतिरिक्त ऋण का लोभ,हो सकता है कि आप विभिन्न तरह के क्रेडिट कार्ड्स व लोन्स लेने के लिए पात्र हों, और जबकि ये आपको लुभा सकते हैं, लेकिन आपको कुछ सावधानी बरतनी चाहिए। आप रूककर विचार कीजिए कि क्या आपको सचमुच अतिरिक्त क्रेडिट कार्ड, या पर्सनल लोन की जरूरत है। याद रखें, अपनी आवश्यकता से अधिक क्रेडिट कार्ड्स के लिए आवेदन न करें, ताकि वास्तविक जरूरत के समय, आपके सकारात्मक ऋण व्यवहार के आधार पर आपको अधिक तेजी से, सस्ते में ऋण मिल सके। संभलकर उदारता प्रदर्शित करे, कभी-कभी, कर्जदाता कोई ऋण देने के लिए गारंटर या सह-हस्ताक्षरकर्ता को लाने के लिए कहते हैं। यदि आप किसी परिजन या दोस्त के गारंटर बनते हैं, तो आपकी जिम्मेवारी न केवल समय से ऋण का भुगतान सुनिश्चित करना होता है, बल्कि यदि वो इसका भुगतान नहीं कर पाते हैं, तो आपको ही ऋण चुकाना होगा। इसका अर्थ है कि किसी दूसरे की लापरवाही के चलते आपका खुद का क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है। जहां दूसरे की सहायता के लिए तत्पर रहना एक अच्छा गुण है, वहीं गारंटर बनने की बात आने पर आपको सचेत हो जाना जरूरी है। यदि आप ऐसा कर भी देते हैं, तो इन ऋण खातों की निगरानी रखें और ध्यान दें कि कोई गड़बड़ी न हो। इससे आपको ऋण के प्रति सजग रहने में मदद मिल सकती है कि आपका क्रेडिट स्कोर अप्रभावित रहे और आप जरूरत के समय ऋण ले सकें। लापरवाही और बेपरवाही, अपने सिबिल स्कोर और ऋण पात्रता को एक बार चेक कर लेना ही पर्याप्त नहीं है। आपका सिबिल स्कोर आपकी ऋण चुकौती की हिस्ट्री के आधार पर 300 से 900 के बीच में कुछ भी हो सकता है। लेकिन कई ऐसे कारण हैं जिनके चलते आपका क्रेडिट स्कोर व रिपोर्ट बदल सकता है, जैसे कि यह मात्र एक पेमेंट छूट जाने के चलते भी बिगड़ सकता है और लोन पर ‘सेटल्ड एमाउंट’ के आधार पर ठीक रह सकता है। कर्जदाता उन ग्राहकों पर ध्यान देते हैं जो ऋण के प्रति सतर्क, जिम्मेवार कर्जदार हैं और जिनका सिबिल स्कोर अधिक है।
अपने सिबिल स्कोर व रिपोर्ट पर नियमित रूप से नजर रखें, ताकि आपको अवसर आने पर ऋण मिल सके। स्कोर को अधिक बनाने के लिए प्रयास करें, जिससे कि आप अपने वित्तीय लक्ष्य हासिल कर सकें।