पतंजलि को मिली निगेटिव रैंकिंग, वित्तीय हालत खस्ता
नई दिल्ली: बाबा रामदेव की पतंजलि दो पायदान नीचे खिसकी, वित्तीय हालत खस्ता होने के बाद क्रेडिट रेटिंग कंपनी ने दिया निगेटिव रैंकबाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की आर्थिक स्थिति बिगड़ने के बाद भारतीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने उसकी रैंकिंग दो पायदान नीचे खिसकाते हुए A प्लस से A निगेटिव का रैंक कर दिया है।
बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की आर्थिक स्थिति बिगड़ने के बाद भारतीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने उसकी रैंकिंग दो पायदान नीचे खिसकाते हुए A प्लस से A निगेटिव का रैंक कर दिया है। शुक्रवार को जारी बयान के मुताबिक केयर एंड ब्रिकवर्क रेटिंग एजेंसी ने पतंजलि द्वारा रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अधिग्रहण से जुड़ी डील के बाद कंपनी की आर्थिक स्थिति की समीक्षा करते हुए नई रैंकिंग जारी की है। बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि कंसोर्शियम अधिग्रहण प्राइवेट लिमिटेड जो पतंजलि आयुर्वेद और तीन अन्य कंपनियों का ज्वाइन्ट वेंचर है, ने कर्ज में डूबी रुचि सोया के लिए 4,325 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, जिसे नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने मंजूरी दे दी है।
रेटिंग कंपनी केयर ने अपने बयान में कहा है कि रेटिंग में बदलाव पतंजलि आयुर्वेद से लेकर पतंजलि कंसोर्शियम अधिग्रहण द्वारा नई डील में धन के बड़े प्रवाह और उसके मद्देनजर वित्तीय जोखिम प्रोफाइल के कमजोर होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए किया गया है। पतंजलि ने रुचि सोया में 1,700 करोड़ रुपये के निवेश का भी ऐलान किया है।
बता दें कि रुचि सोया इंडस्ट्री पर करीब 9,345 करोड़ रुपये का कर्ज है। कंपनी को सबसे ज्यादा करीब 1800 करोड़ रुपये का लोन भारतीय स्टेट बैंक ने दिया है। इसके अलावा सेंट्रल बैंक का भी कंपनी पर 816 करोड़ रुपये कर्ज है। इन बैंको के अलावा पीएनबी का 743 करोड़ रुपये, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक का 608 करोड़ रुपये और डीबीएस बैंक का 243 करोड़ रुपये का भी लोन रूचि सोया इंडस्ट्री पर है।