लड़ाकू विमानों का निर्माण करेगा तुर्की:अर्दोगान
2023 तक रक्षा उद्योग में बनेगा आत्मनिर्भर
नई दिल्ली: तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोगान का कहना है कि अमरीका द्वारा उनके देश को एफ़-35 लड़ाकू विमानों की निर्माण परियोजना से हटाए जाने के बाद देश में ही लड़ाकू विमानों के निर्माण का फ़ैसला किया गया है।
तुर्क राष्ट्रपति ने रविवार को इस्तांबुल में तुर्की के राष्ट्रीय युद्धपोत कार्यक्रम, MILGEM परियोजना के चौथे युद्धपोत का काम शुरू होने पर यह घोषणा की।
उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि नए जहाज़ टीसीजी किनालियादा के निर्माण के साथ ही हम समुद्र में और अधिक शक्तिशाली हो जायेंगे।
अर्दोगान का कहना था कि तुर्की विश्व के उन 10 देशों में से एक है, जो ख़ुद से युद्धपोत का निर्माण कर सकते हैं।
ग़ौरतलब है कि तुर्की द्वारा रूस से एस-400 ख़रीदने से नाराज़ होकर अमरीका ने तुर्की स्थित लड़ाकू विमान एफ़-35 के पुर्ज़े तैयार करने के प्लांट को बंद करने और तुर्की को इस कार्यक्रम से हटाने का एलान कर दिया था।
अब तुर्क राष्ट्रपति का कहना है कि हम लड़ाकू विमान बनाने में सक्षम हैं, जिस तरह से हमने लड़ाकू होलिकॉप्टर, जासूसी ड्रोन और लड़ाकू ड्रोन विमान बना लिए हैं और ऐसा बहुत जल्दी होने वाला है।
अर्दोगान ने यह भी एलान किया कि 2023 तक विदेशी हथियारों पर हमारी निर्भरता पूर्ण रूप से ख़त्म हो जाएगी और हम रक्षा उद्योग में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन जायेंगे।
उन्होंने कहा, पिछले 6 वर्षों से हम जिन परेशानियों को झेल रहे हैं, वह हमें इसी उद्देश्य से रोकने के लिए उत्पन्न की गई हैं।