राजनीतिक दलों के पंजीकरण को रद्द करने का अधिकार चाहता है चुनाव आयोग
नई दिल्ली: देश में चुनावी गतिविधियों पर निगरानी रखने वाला केंद्रीय चुनाव आयोग अपने अधिकार में और इजाफा चाहता है। आयोग ने इस बारे में केंद्रीय श्रम मंत्रालय को लिखा है। चुनाव आयोग चाहता है कि उसे राजनीतिक दलों के पंजीकरण को रद्द करने के साथ ही, वैसे पार्टी उम्मीदवारों पर प्रतिबंध लगाने की शक्ति मिले जो दो सीटों से चुनाव लड़ते हैं। मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने इसकी जानकारी दी।
इतना ही नहीं, चुनाव आयोग यह भी चाहता है कि जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों के लिए पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। इन सेवाओं में हेल्थकेयर, एविएशन और रेलवे सेक्टर में नौकरी कर रहे है लोग हो सकते हैं। वर्तमान में पोस्टल बैलेट का इस्तेमाल सिर्फ सशस्त्र सेना, राज्य पुलिस बल और दूसरे देशों में सरकारी नौकरी करने वाले ही कर पाते हैं। इसके अलावा चुनावी ड्यूटी और सुरक्षा से लिहाज से हिरासत अथवा नजरबंदी किए गए व्यक्ति भी पोस्टल बैलेट के माध्यम से अपने मताधिकार का उपयोग करते हैं।
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में चुनाव आयोग ने इस बात पर जोर देते हुए कहा था कि अगर को राजनीतिक दल संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करती है, तो ऐसे में उसके पास यह अधिकार होना चाहिए कि वो उस पार्टी का पंजीकरण रद्द कर दे। आयोग ने शीर्ष न्यायालय में कहा था कि कानून हमें दलों को पंजीकृत करने की शक्ति तो देती है, लेकिन दलों के अनैतिक और गैरकानूनी घोषित होने या धोखे से रजिस्ट्रेशन का पता लगने पर उसका पंजीकरण खत्म करने का अधिकार नहीं देती।