नई दिल्ली: सरकार प्याज के दाम कम करने की जितनी कोशिश कर रही है, दाम उतने ही बढ़ते जा रहे हैं। बुधवार को दिल्ली में रिलायंस रिटेल के एक स्टोर में एक किलो प्याज 95 रुपये में बिकी। पिछले छह महीने के दौरान प्याज के थोक दाम तीन गुना से ज्यादा बढ़ गए हैं। हरियाणा-महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, इससे पहले कीमतों में तेजी सरकार की परेशानी बढ़ा सकती है। प्याज के कारण ही 1998 में दिल्ली में सुषमा स्वराज की सरकार गिर गई थी।

आजादपुर मंडी में छह महीने प्याज के भाव तीन गुना से ज्यादा बढ़ गए हैं। मई में दाम 2 से 13 रुपये प्रति किलो थे, जो अब 45 रुपये पहुंच गए हैं। सितंबर के पहले सप्ताह में यहां भाव 12 से 25 रुपये थे। वहीं पिछले साल 24 सितंबर को मंडी में प्याज का भाव 3.75 से 13.75 रुपये प्रति किलो था। यानी सालाना आधार पर भी दाम करीब तीन गुना ज्यादा हैं।

दिल्ली के मदर डेरी और सफल स्टोर्स में प्याज 23.90 रुपये प्रति किलो के भाव ही बेचे जा रहे हैं, लेकिन सप्लाई कम होने से सबको प्याज नहीं मिल पा रही है। बुधवार सुबह कुछ दुकानों पर तो 15 मिनट में ही स्टॉक खत्म हो गया।

खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बुधवार को ट्वीट किया कि राज्यों को जितनी जरूरत होगी, उतना प्याज केंद्र सरकार मुहैया कराएगी। केंद्र सरकार राज्यों को 15.59 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज बेच रही है, जिसे राज्य सरकारें अधिकतम 23.90 रुपये प्रति किलो की दर से उपभोक्ताओं को बेच सकती हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास प्याज का पर्याप्त स्टॉक है। अभी तक त्रिपुरा को 1,850 टन, हरियाणा को 2,000 टन और आंध्रप्रदेश को 960 टन प्याज दी गई है। दिल्ली सरकार को रोजाना 100 टन प्याज दी जा रही है।

दिल्ली की आजादपुर मंडी में बुधवार को प्याज की कीमतों में थोड़ी नरमी दर्ज की गई। आजादपुर मंडी स्थित पोटेटो ऐंड अनियन मर्चेंट एसोसिएशन (पोमा) के महासचिव राजेंद्र शर्मा ने बताया कि मंडी में बुधवार को प्याज के दाम घटकर 20 से 42.50 रुपये प्रति किलो रह गए, जबकि दो दिन पहले भाव 45 रुपये प्रति किलो तक हो गए थे। कर्नाटक से नए प्याज की सप्लाई बढ़ी है। अन्य उत्पादक राज्यों में भी मौसम साफ हुआ है, इसलिए आगे प्याज की सप्लाई बढ़ने की संभावना है। इससे आगे भाव में और नरमी आने का अनुमान है।