कुपोषण भारत के लिए मूक आपातकाल: सस्मिता जेनेना
वर्ल्ड विज़न इंडिया द्वारा कुपोषण, बचपन की बीमारियों और शिक्षा के विषय पर सेमिनार आयोजित
लखनऊ: मानवीय ज़रूरतों के लिए ज़मीनी स्तर पर काम करने वाले संगठन वर्ल्ड विज़न इंडिया ने आज लखनऊ में कुपोषण, बचपन की बीमारियों और शिक्षा के विषय पर चर्चा करने लिए राज्य स्तरीय कॉन्क्लेव "सफलता की ओर बढ़ते क़दम" का आयोजन किया | कॉन्क्लेव में वक्ताओं ने विभिन्न क्षेत्रों की ओर से किये जाने वाले प्रयासों पर ज़ोर दिया जिससे स्थाई विकास लक्ष्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी|
कॉन्क्लेव में बच्चों के कुपोषण और बीमारी को घटाने की दिशा में माताओं बच्चों की सेहत और पोषण से जूसी बेहतर प्रक्रियों, स्थाई वाश प्रक्रियाओं के लिए बेहतर कवरेज , पहुँच और उपयोग और प्राथमिक शिक्षा को पूरा करने, उम्र के हिसाब से शिक्षा के परिणाम, जीवन के लिए ज़रूरी कुशलताओं और मूल्यों से जुड़े सत्रों का आयोजन किया गया | विशेषज्ञों ने भारत में पोषण की स्थिति का विश्लेषण किया और वैश्विक स्वास्थ्य एवं पोषण लक्ष्य स्थाई विकास और राष्ट्रीय पोषण रणनीति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए सबंधित राज्य सरकारों के विभागों के साथ व्यापक विकसित करने की ज़रुरत पर ज़ोर दिया |
कॉन्क्लेव में वर्ल्ड विज़न इंडिया की असोसिएट डायरेक्टर सस्मिता जेनेना ने कहा, कुपोषण भारत के लिए मूक आपातकाल और मानव विकास के लिहाज़ से सबसे बड़ी चुनौती में से एक है | सुपोषण सीधे तौर पर बच्चों की शिक्षा को प्रभावित करता है|