वाशिंगटन: अमेरिकी कांग्रेस (संसद) ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की औपचारिक प्रकिया शुरू कर दी है. ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने अपने राजनीति प्रतिद्वंद्वी को खत्म करने के लिए विदेशी मदद ली. कहा जा रहा है कि ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादीमीर ज़ेलेंस्की पर दबाव बनाया कि वो ट्रंप के डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडन और उनके बेटे के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार की जांच शुरू करें. डेमोक्रेट्स की नेता नैन्सी पेलोसी का कहना है कि ट्रंप ने अमेरिका के संविधान का घोर उल्लंघन किया है. उन्होंने कहा है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति से ट्रंप ने क्या कुछ कहा इसको लेकर कुछ भी साफ-साफ नहीं कहा जा सकता है. लेकिन डेमोक्रेट्स ने आरोप लगाया है कि ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति को सैन्य कार्रवाई की धमकी दी. ट्रंप ने उन्हें पूर्व उपराष्ट्रपति बाइडन और उनके बेटे हंटर के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार की जांच शुरू करने का आदेश दिया था.

राष्ट्रपति ट्रंप ने इन आरोपों से इनकार किया है. हालांकि ट्रंप ने ये ज़रूर माना है कि उन्होंने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी के बारे में यूक्रेन के राष्ट्रपति से चर्चा की थी. कहा जा रहा है कि पूर्व उप राष्ट्रपति जो बाइडन 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को टक्कर दे सकते हैं.

अमेरिका की द्विसदनीय विधायिका को अमेरिकी कांग्रेस कहते हैं. सीनेट और प्रतिनिधि सभा इसके दो सदन हैं. अमेरिका के संविधान के अनुसार प्रतिनिधि सभा में बहुमत के बाद राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है. राष्ट्रपति के अलावा असैन्य अधिकारी या फिर प्रांतीय सरकार के खिलाफ भी महाभियोग लाया जा सकता है. इनमें से किसी पर भी महाभियोग तब लाया जाता है जब उन पर देशद्रोह, घूस या फिर किसी बड़े अपराध में शामिल होने का शक हो.

अभी तक अमेरिका के किसी भी राष्ट्रपति को महाभियोग के ज़रिए नहीं हटाया गया है. कहा जा रहा है कि निचले सदन यानी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में महायोग पास हो सकता है. लेकिन सीनेट में इसे पास कराने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत है और यहां रिपब्लिकन की भारी संख्या है.