पुस्तक मेले में नई किताबों को लेकर दिखा पाठकों में उत्साह
लोकार्पण का दौर चला तो मंच पर उठी मराठी लावनी की महक, हुआ नेत्र परीक्षण
लखनऊ: पुस्तक प्रेमियों का एक बड़ा तबका है जिसे नई किताबों की भूख रहती है। पुस्तक मेलों में ऐसे किताब प्रेमी कई-कई बार आते हैं।यहां राणाप्रताप मार्ग मोतीमहल वाटिका लान में चल रहे राष्ट्रीय पुस्तक मेले में सुल्तानपुर से विनोद पाण्डेय, रायबरेली के अभिषेक द्विवेदी, सीतापुर के अली याकूब और कानपुर की सुनन्दा कुछ ऐसे ही पुस्तक प्रेमियों से उनकी खरीदी किताबों के साथ मुलाकात हुई। आज यहां युवा मंच पर मराठी लावनी की महक उठी तो साहित्यिक मंच काव्य रचनाओं और लोकार्पण के नाम रही। यहां लगे आई चेकअप कैम्प में बहुत से पुस्तक प्रेमियों ने नेत्र परीक्षण कराया।
सुनन्दा ने बताया कि इस बार केवल दो हजार का मेरा बजट था। विनोद ने कविता-शायरी की किताबें खरीदीं तो अभिषेक की पसंद साहित्य और इतिहास था। निःशुल्क प्रवेश व सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक 29 सितम्बर तक जारी किताबों के इस मेले में प्रमुख प्रकाषक बहुत सी नई पुस्तकें लेकर आए हंैंै। प्रभात वाले और छपी कीमत पर 20 प्रतिशत छूट दे रहे हैं। प्रकाषन की नई किताबों में वरिष्ठ पत्रकार आषुतोष शुक्ल की सामयिक परिस्थितियों पर रची किताब तुम्हारी जय एक आख्यान की तरह पढ़ी जा सकती है। इनकी प्रमुख किताबों में आषीष कौल की रिफ्यूजी कैम्प, वाल्टर सेम्फिव एमबी की पुनर्जन्म, गोपा सम्भावत की 1947 के बाद भारत, आषुतोष राणा की मौन मुस्कान की मार, सोहा अली खान की मषहूर हुए तो क्या हुआ, गोपालदास नीरज की हस्तलिपि कविताएं व तंेदुलकर की कहानी उन्हीं की जुबानी खूब पसंद की जा रही हैं। गौतम बुक के स्टाल पर डा.रामनाथ की सामाजिक पतन के गुनहगार, डा.रामकुमार घोरड़ की दलित जीवन की लघुकथाएं, डा.राधाकमल चटर्जी की अरे हिन्दू तुम जागो व प्यारेलाल की द एपिक फास्ट नई किताबों में पसंद की जा रही हैं। राजकमल और राधाकृष्ण प्रकाशन जैसे कई सहयोगी संस्थानों के स्टाल पर नई किताबों में कुमार विश्वास की फिर मेरी याद और राहत इंदौरी की मौजूद खूब पसंद की जा रही है। सुरेन्द्रमोहन पाठक की आत्मकथा को भी लोग पसंद कर रहे हैं। किताबघर वाले कमलाकांत त्रिपाठी के सरयू से गंगा व महेश कटारे के काली धार जैसे कई उपन्यास, नासिरा शर्मा के लेखों की पुस्तक किताब के बहाने के संग प्रवेश सक्सेना की शोधपरक किताब पुस्तक की नियति के साथ अनेक साहित्यिक कृतियां लेकर आए हैं। साहित्य भण्डार के स्टाल पर कम कीमत की नामी हिन्दी साहित्यकारों का नया-पुराना साहित्य उपलब्ध है। प्रतिश्रुति कोलकाता के स्टाल पर कुबेरनाथ राय की निषाद बांसुरी व पर्ण कुटी, कृपाशंकर तिवारी की दो रंग दो दिशाएं जैसी नई किताबें हैं।
गांधी बाल एवं युवा मंच पर ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन व लोक आंगन की लोकनृत्य कार्यशाला में आज साक्षी केलकर, लक्ष्मी जोशी व ज्योति किरन रतन ने प्रतिभागियों को महाराष्ट्र के लावनी नृत्य से परिचित कराते हुए अभ्यास कराया। यहां अनेक बच्चों और युवाओं ने रुद्र कला अकादमी की उभरती कला प्रतिभाओं के साथ गीत-संगीत के कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
नवसृजन संस्था के काव्यगोष्ठी व सम्मान समारोह से शुरू हुए आज के आयोजनों में आदर्श सेवा संस्थानम् के संयोजन में हुए व्यंग्य परिसंवाद के केन्द्र में प्रतिभाशाली व्यंग्यकार अनूपमणि ़ित्रपाठी रहे। हरिओम शर्मा की कृति ‘’जज्बात, जुनून जन्नत’ के लोकार्पण समारोह में वरिश्ठ पत्रकार जिलानी खान अलीग, शिक्षाविद् जगदीश गांधी, डा,सुल्तान शाकिर, प्रशासनिक अधिकारी उमेशचन्द्र तिवारी, कवयित्री रमा आर्य रमा, समाजसेवी टी.पी.हवेलिया, सैयद रफत, गुफरान नसीम, नवाब जफर मीर अब्दुल्ला ने वक्तव्य रखे। अतिथियों का स्वागत करने के साथ आभार भी लेखक हरिओम शर्मा ने व्यक्त किया।
डा.रश्मि श्रीवास्तव का काव्यसंग्रह ‘निःसंग’ का लोकार्पण आरजे सिंह व डा.विद्याविंदु सिंह ने डा.अमिता दुबे, अलका प्रमोद, एके श्रीवास्तव व साहित्य प्रेमियों की उपस्थिति में किया तथा पुस्तक पर समीक्षात्मक व वैचारिक दृष्टि डाली। इसके बाद अनूप श्रीवास्तव की पुस्तक ‘आंखों में अहसास’ पर परिचर्चा में रचनाकारों ने भाग लिया। शाम को लक्ष्य साहित्यिक संस्था का काव्य समारोह चला।