चिदंबरम से तिहाड़ में मिले सोनिया और मनमोहन
नई दिल्ली: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से मिलने के लिए सोमवार को तिहाड़ जेल पहुंचे। यह मुलाकात आधे घंटे तक चली। सूत्रों ने बताया कि मुलाकात के दौरान गांधी ने कहा कि पार्टी पूरी तरह चिदंबरम के साथ खड़ी है और इस मामले को राजनीतिक तौर से भी लड़ेगी। चिदंबरम से दोनों नेताओं की मुलाकात को राजनीतिक नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
चिदंबरम ने भी ट्वीट करके इस मुलाकात की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “जब तक कांग्रेस पार्टी मजबूत है, मैं भी उसी तरह मजबूत बना रहूंगा।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान का कि भारत में सब अच्छा है, उल्लेख करते हुए चिदंबरम ने लिखा कि बेरोजगारी, छूटती नौकरियों, वेतन में कटौती, भीड़ हिंसा, कश्मीर में लॉकडाउन और विपक्षी नेताओं को जेल में डाले जाने के सिवाय सब कुछ अच्छा है।
कांग्रेस के दोनों नेताओं के साथ पूर्व वित्त मंत्री के बेटे कार्ति चिदंबरम भी थे। अपने पिता से मिलने के बाद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि मेरे पिता और मेरा परिवार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के प्रति आभार व्यक्त करते हैं कि वे उनसे मिलने आए और उनका समर्थन किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और अहमद पटेल ने पिछले सप्ताह तिहाड़ जेल में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से मुलाकात की थी। उस दौरान भी कार्ति चिदंबरम मौजूद थे।
आईएनएक्स मीडिया केस में गिरफ्तार चिदंबरम 5 सितंबर से तिहाड़ जेल में हैं। उनकी जमानत याचिका पर सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई भी होनी है। चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का सामना कर रहे हैं। चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने वित्त मंत्री के पद पर रहते साल 2007 में रिश्वत लेकर आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश की मंजूरी दिलाई थी। इस मामले में चिदंबरम सीबीआई और ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने मौजूदा सरकार पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाता हुए कहा कि यह हमारे पूर्व गृहमंत्री चिदंबरम के खिलाफ सरकार द्वारा चलाया गया एक अभियान है। जयराम रमेश ने कहा, “जांच एजेंसियों ने कभी नहीं कहा कि अधिकारियों ने कुछ भी गलत किया, फिर मंत्री को कैसे दोषी ठहराया जा सकता है।”