पुस्तक मेला: बच्चों को किताबों, दिमागी खेल-खिलौनों के संग मोह रहीं कठपुतलियां
लखनऊ: बड़े तो बड़े किताबों की रंगबिरंगी दुनिया बच्चों को भी बेइंतिहा भा रही है। यहां राणाप्रताप मार्ग मोतीमहल वाटिका लान में चल रहे राष्ट्रीय पुस्तक मेले में युवाओं के संग लोग बच्चों को लेकर पूरे परिवार के संग आ रहे हैं। पुस्तक प्रेमियों का सिलसिला यहां आज भी देर रात तक जारी रहा।
निःशुल्क प्रवेश व सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक 29 सितम्बर तक जारी किताबों के इस मेले में बच्चों के लिये बहुत कुछ है। स्टारडम के एक स्टाल पर बच्चों की देशी-विदेशी लाइब्रेरी में रखने योग्य किताबें, इन्साइक्लापीडिया, सामान्य ज्ञान, विज्ञान, कम्प्यूटर जैसे कई विषयों की सतरंगी किताबें हैं तो दूसरे स्टाल पर पढ़ने-पढ़ाने के उपकरण, चुम्बकीय उपकरण, माइंड गेम, पजल, जानवरों के कटआउट, लकड़ी के खिलौने, पोस्टर, चार्ट, नक्शे जैसी बहुत सी चीजें हैं। इनके साथ ही यहां ग्लब पपेट यानी दस्ताना कठपुतलियों में कछुआ, खरगोश, लोमड़ी, शेर, जेबरा, औरत, आदमी, वकील जैसी पुतलियां बच्चों को आकर्षित कर रही हैं। स्टाल नम्बर 101 में भी खिलौने और स्टिकर्स हैं। स्काॅलर हब में बच्चों की हिन्दी-अंग्रेज़ी की बहुत सी पुस्तकें हैं। तक्षशिला भोपाल के स्टाल में बच्चों की दोमाही पत्रिकाएं साइकिल व प्लूटो के अंकों के अलावा चींटी चढ़ी पहाड़, बकरी के साथ, एक बड़ा अच्छा दोस्त जैसी बच्चांे की किताबों का नया रोचक पैटर्न बच्चों के संग बड़ों की खींच रहा है। साहित्य भण्डार के स्टाल में बच्चों के नाटकों और 51 हास्य, 51 ऐतिहासिक, 51 पौराणिक कहानियों जैसी कम दामों वाली अनेक पुस्तकें हैं। ग्राॅलियर के स्टाल पर माता-पिताओं को बच्चों को टाकिंग इंग्लिश पेन के साथ बच्चो की आई-क्यू क्षमता बढ़ाने वाले लाजिको कार्ड्स की जानकारी दी जा रही है। गायत्री ज्ञान मंदिर के स्टाल पर बच्चों के लिए छोटे आकार और बहुत ही कम कीमत की जानकारी भरी किताबें हैं। चिन्मय मिशन के स्टाल पर इंग्लिश बाल भागवतम, चिल्डेªन गीता, तीन खण्डों में टेल मी अ स्टोरी जैसी कई पुस्तकें हैं। कुछ स्टालों पर बच्चों की अनेक विषयों की किताबे 20 की एक और सौ रुपये की छह मिल रही हैं। इसी तरह एक स्टाल पर स्कूलों में बच्चों के काम आने वाले लेंस, प्रिज्म, कैलिपर्स, टेलिस्कोप जैसे बहुत से वैज्ञानिक उपकरण बच्चों का ध्यान खींच रहे हैं। दिन की रिमझिम फुहारों से आज मौसम खुशनुमा रहा और लोग यहां बिक रहे भुट्टे का स्वाद लेते देखे गये।
आज के कार्यक्रमो में नर्तक ज्ञानेन्द्र बाजपेयी के शिष्यों शुभम, प्रीति मिश्रा इत्यादि ने शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम की खूबसूरत प्रस्तुतियां दीं। ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन व लोक आंगन के सौजन्य से आज बांदा से आए रमेश पाल के शिष्य सत्यदेव कुशवाहा व सुरेश वाल्मीकि, ज्योति किरन रतन, लक्ष्मी जोशी ने लोकनृत्य कार्यशाला में प्रतिभागियों को खासकर बुंदेली अंचल के पाई-डण्डा के संग करमा, सैरा व राई लोकनृत्य का प्रशिक्षण स्तुति जैन, मौसमी भारती, अभिषेक भारती, आयांशी कपूर जैसे प्रतिभागियों को कला की बारीकी बताने के साथ दिया। बाद में यहां पोयट हाउस के सौजन्य से युवा शायरों दावर रजा, अमन बलरामपुरी, मोहम्मद तारिक, शाश्वत दर्पण, जुल्फिकार सैफी, अजहर इस्माइली, हसन फिरदौसी व संचालक शादाब जावेद ने कलाम पढ़े।
आज कार्यक्रमों की शुरुआत मुख्य मंच पर सुकन्या सेवा संस्थान के काव्य समारोह से हुई। दोपहर बाद सृष्टि सिन्हा की अंग्रेजी कृति आल द डाइरेक्शन्स और डा.पल्लवी की पुस्तक हर फेवरेट कलर का विमोचन हुआ। इसी क्रम में कविता लोक के संयोजन व प्रो.ऊषा सिन्हा, सर्वेश अस्थाना आदि की उपस्थिति में ओम नीरव काव्य गीतिकांजलि, निबंध संग्रह कविता की डगर व लघुकथा संग्रह स्वरा का लोकार्पण हुआ। यहां अनमोल शुक्ल, विवेक प्रताप, अरुण दीक्षित आदि अनेक कवियों ने रचनाएं पढ़ीं। शाम गहराते-गहराते मंच से गीत-कविताएं, शेर, गजल और कलामों की गूंज उठने लगी यहां तकी मीर फाउण्डेशन के सौजन्य से मुशायरा और कवि सम्मेलन आयोजित था।