बुक फेयर में हो रहा साहित्य के संग शिक्षा-संस्कृति का समागम
दूसरे दिन अलका अस्थाना की कृति ‘सपनों सी ये धूप’ का लोकार्पण
लखनऊ: मनोेवैज्ञानिक डा.सृष्टि का कहना है कि मोबाइल-टीवी के वर्चुअल वल्र्ड से अलग मनपसंद किताबों की ठहरी हुई दुनिया हमें उलझनों से दूर कर चित्त को शांत और एकाग्र करती है। कदाचित इन्हीं की तलाश में आज शनिवार की शाम राणाप्रताप मार्ग मोतीमहल वाटिका लान में कल से प्रारम्भ 10 दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तक मेले के खूब भीड़ उमड़ी।
दूसरे दिन साहित्यिक आयोजनों का सिलसिला भी प्रारम्भ हो गया। आज यहां साहित्यिक चर्चाओं के बीच सीए कोर्स के लिए युवाओं की कॅरियर काउंसिलिंग चली तो लोक चैपाल भी सजी। कार्यशाला में बिहू की धूम रही तो मेले के संयोजक रहे स्वर्गीय उमेश ढल की स्मृति में काव्य समारोह भी हुआ। यहां आई चेकअप कैम्प लगाने की भी तैयारी है। कल किरन फाउण्डेशन के सौजन्य से ड्राइंग प्रतियोगिता भी होगी तो व्यंग्य पुस्तक द लम्पटगंज पर चर्चा भी।
मेले में बच्चों की रंगबिरंगी किताबों-सीडी का संसार है तो साहित्य प्रेमियों के लिए राजपाल, प्रभात, सामयिक, प्रतिश्रुति, किताबघर जैसे बहुत से प्रकाशन संस्थानों के स्टाल हैं। दि फेडरेशन आॅफ पब्लिशर्स एण्ड बुकसेलर्स एसोसिएशन्स इन इण्डिया, नई दिल्ली के सहयोग से के.टी.फाउण्डेशन व फोर्सवन द्वारा महात्मा गांधी की 150वीं जयंती की थीम पर संयोजित 29 सितम्बर तक चलने वाले इस मेले में प्रवेश निःशुल्क है। हर किताब पर न्यूनतम 10 फीसदी छूट दी जा रही है। दोपहर में हुई बारिश भी पुस्तक प्रेमियों को डिगा नहीं पाई। पुस्तक मेले में राजकमल, लोकभारती, केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, गौतम बुक्स, इण्डियन सोशल इंस्टीट्यूट, प्रकाशन संस्थान, साहित्य भण्डार इलाहाबाद, रामकृष्ण मिशन, उ.प्र.उर्दू अकादमी, गुडवर्ड, चिन्मय मिषन, वैदिक साहित्य, ओशो, एजूकेषनल एण्ड साइन्टिफिक ऐड्स, गायत्री ज्ञान मंदिर, स्काॅलर्स हब, गिडियाॅन्स, तिरुमाला साफ्टवेयर, निखिल पब्लिशर्स, स्टारडम, काउंसिल फार प्रमोशन आफ सिंधी लैंग्वेज व उर्दू लैंग्वेज, रोशनी पब्लिशिंग, बुक कैफे, वर्ड स्मिथ के स्टाल शामिल हैं।
लखनऊ चार्टेड एकाउण्टेण्ट सोसायटी व सीआईसीएएसए द्वारा सीए कोर्स के इच्छुक विद्यार्थियों की कॅरियर काउन्सिलिंग की गई। अध्यक्ष सीए आरएल बाजपेयी के साथ ही राजीव शर्मा, ज्ञानेश वर्मा, अंशुल अग्रवाल, मोहसिन मिर्जा, आशीष पाठक व जयंत पाण्डे ने पाठ्यक्रम सम्बंधित जानकारी दी और छात्र-छात्राओं ने सवालो के जवाब भी दिये। सीए अभिषेक पाण्डे का पीपीटी विस्तृत और जानकारी भरा रहा।
बरसते पानी के बीच अभा साहित्य उत्थान परिषद के सम्मान समारोह व कवि सम्मेलन में विपिन मलिहाबादी, राजेश राज, मुकुल महान आदि अनेक रचनाकारों ने भाग लिया। अलका अस्थाना की कृति ‘सपनों सी ये धूप’ के लोकार्पण में दिल्ली के डा.ओम निश्चल ने कृति को स्त्री की अलक्षित वेदना से उभरा बताया। यहां योगेश प्रवीन, विजय राय, ओम नीरव, सुशील सीतापुरी आदि उपस्थित थे। आसमां की छांव में की ओर से संयोजित उमेश ढल स्मृति में आयोजित काव्यांजलि समारोह में देर रात तक काव्य रसधार बही।
गांधी बाल एवं युवा मंच पर आज पारम्परिक मेले व उत्सवों पर लोक संस्कृति शोध संस्थान के संयोजन में मुख्य रूप से डा.विद्याविंदु सिंह ने बात रखी। यहां दिल्ली से आई युवा गायिका स्मृति सिंह ने तुम इतना क्यों मुस्करा रहे हो…., तुमको देखा तो ये खयाल आया…… व दिल में इक लहर से उठी है….जैसी कई गजलें सुनाई। इस प्रतिभाशाली गायिका का साथ तालवाद्य पर एसपी साहू कुशलता से दिया। इस मंच पर बच्चों को जहां प्रतिभा प्रदर्शन का मौका दिया जा रहा है तो ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन व लोक आंगन के सौजन्य से आज लक्ष्मी जोशी व ज्योति किरन रतन लोकनृत्य कार्यशाला में प्रतिभागियों को बिहू के स्टेप सिखाए। साथ ही असम की इस शैली के बारे में बताया भी। ओरियण्ट लैंग्वेज लैब के संयोजन में आज से उर्दू की कक्षाएं भी प्रारम्भ हो गईं।