डाबर हनीटस ने स्कूलों में चलाया “खांसी से आजादी अभियान“
लखनऊ। मौसम में लगातार होने वाले परिवर्तन, बेमौसम बारिश, प्रदूषण आदि के चलते सर्दी और खांसी, शहरी भारत में सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन गई है। इससे सबसे ज़्यादा ख़तरा बच्चों को होता है क्योंकि वे दिन में कई बार बाहरी गतिविधियों का हिस्सा रहते हैं। हालांकि सर्दी और खांसी को गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं माना जाता है लेकिन शुरुआत में ही अच्छे से उपचार न मिलने पर कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। एक बार बच्चों को खांसी और जुकाम हो जाता है, वे अन्य स्वास्थ्य मुद्दों से ग्रस्त हो सकते हैं। बीमारी बढ़ने पर वे स्कूल और शिक्षण का पूरी तरह लाभ नहीं उठा पाते हैं। देश की सबसे बड़ी आयुर्वेद आधारित खांसी का उपचार करने वाली ब्रांड डाबर हनीटस ने भारत में सर्दी और खांसी से लड़ने के लिए “खांसी से आजादी अभियान“ लॉन्च करने की घोषणा की है। इसके मेगा मुहिम के अंतर्गत, डाबर हनीटस स्कूलों में हेल्थ सेशन आयोजित करेगा और 7,000 से अधिक लोगों को डाबर हनीटस के निःषुल्क सैंपल देकर सर्दी और मानसून में खांसी व गले के इंफेक्शन जैसी अन्य बीमारियों के बारे में जागरूक करेगा। इस मुहिम में कई शहरों के छात्रों और शिक्षकों को भी शामिल किया जाएगा। लखनऊ शहर में मुहिम की शुरुआत करते हुए डाबर ने शहर के सेन्ट टेरेसा डे स्कूल एण्ड कालेज, मॉडल हाउस में एक सेशन आयोजित किया जिसमें 300 से अधिक बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों और अभिभावकों को सर्दी और खांसी से बचने के प्रभावी उपाय बताया गया। इसके अंतर्गत, शहर के डॉ0 राकेश गुप्ता द्वारा एक विशेष सत्र आयोजित किया गया।
लखनऊ के मॉडल हाउस इलाके में स्थित सेंट टेरेसाज़ डे स्कूल एंड कॉलेज में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में दिनेश कुमार, मैनेजर, कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस, डाबर इण्डिया लिमिटेड ने कहा “डाबर हनीटस ब्रांड हमेशा से लोगों को सर्दी और खांसी सहित गले के अन्य इंफेक्शन से सुरक्षित रखने के लिए प्रयासरत है। इस मिशन पर आगे बढ़ते हुए, हमने मानसून में लोगों में जागरुकता फैलाने और उन्हें सुरक्षित रखने की यह सामाजिक पहल की है। डाबर हनीटस का कफ़ सिरप बिना साईड इफ़ेक्ट के खांसी से राहत दिलाता है। यह जुकाम का नियंत्रित करता है और इससे गले की खराश से भी राहत मिलती है। “यह जुकाम से राहत दिलाने के लिए तुलसी, मुलेठी, बनफ्शा और आयुर्वेद द्वारा अनुशंसित प्रमाणित चिकित्सकीय घटकों से बनी आयुर्वेद दवा है। एलोपैथिक कफ़ सीरप में कोडीन और अल्कोहल हो सकता है जिससे नींद आती है और उनकी लत भी लग जाती है। डाबर हनीटस बिना किसी दुष्प्रभाव के कफ़ से राहत दिलाने वाला एक सुरक्षित और प्रभावी हर्बल फ़ॉर्मूला है। यह चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित है और कफ़ और गले की खराश में जल्दी राहत दिलाता है। डाबर हनीटस 100 षत प्रतिषत आयुर्वेदिक है और सुरक्षित है।
सेशन को संबोधित करते हुए, डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा आयुर्वेदिक दवाएं बीमारियों से निजात दिलाने वाले घटकों से बनी होती हैं। सर्दी और खांसी के लिए आयुर्वेदिक दवाएं लोंग, अदरक, तुलसी, हल्दी, शहद, दालचीनी आदि से बनी होती हैं जो सभी आयुवर्ग के लोगों के लिए उपयुक्त होती हैं। ऐसी दवा को सुरक्षित माना जा सकता है जिसके घटक आसानी से किचन में मिल जाते हैं। जुकाम की समस्या को ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार और दवाएं लेना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।मानसून में स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को लेकर बच्चों और वयस्कों के लिए जागरुकता फैलाना सबसे ज़रूरी है। यह कैंपेन इसी पर आधारित है और मुझे इससे जुड़ने में गर्व महसूस हो रहा है।”
इस अवसर पर सेंट टेरेसाज़ डे स्कूल एंड कॉलेज के प्रिंसिपल पीटर एच फैंथम ने कहा कि इस तरह के अभियान बच्चों के लिए बड़े लाभदायक होते हैं| उन्होंने कहा की खांसी नज़ला वैसे तो एक नार्मल बीमारी हैं मगर लापरवाई बरतने पर गंभीर भी हो सकती है| उन्होंने कहा कॉलेज में हम लोग बच्चों स्वच्छता के बारे में लगातार बताते रहते हैं लेकिन जब एक डॉक्टर कोई बात कहता है तो बच्चे भी उसे काफी गंभीरता से लेते हैं|