मोदी-शाह की नेक नजर व डगर
यर्थातथ सत्य है जो स्वयं के लिए जीता है उसका मरण होता है और जो दूसरो के लिए जीता है उसका सदा स्मरण होता है। आदि काल में भारत के ऋषि मुनियों ने विश्व को नेक (सच्ची नजर) व सही डगर दिखाई है। स्वयं के जीवन में उच्च आदर्शाें को उतारा अनेेक कठिनाईयों कोे सहा, भोग विलसिता को लात मारी, अपना सर्वस्व जनकल्याण के लिए लूटा दिया। भारत विश्व गुरू था फिर से उसी राह पर है। आजाद भारत में एक महान नेता, अभिभावक आज भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी हमारे देश के साथ-साथ विश्व को पर्यावरण की समस्याओं व आंतकवाद मुक्त बनाने की दिशा में ले जा रहे है। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने उनको चैम्पियनस आॅफ दी अर्थ के एवार्ड से सम्मानित किया। दक्षिण कोरिया, यू0ए0ई0, साऊदीअरब, ब्राजील, फिलिपिन्स, जापान, फ्रांस व इजराइल ने अपने यहां के सर्वोच्च सम्मान से मोदी जी को सम्मानित किया। नरेन्द्र भाई ने जब विश्वस्तर पर आंतकवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए उसके समर्थक पोषक व कारण बने पाकिस्तान को सबूतों के साथ नंगा किया तब से पाकिस्तान में में खलबली मंची है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खांन सफाई देते घूम रहे है कि हम आंतकवाद से दूर है उससे लड़ रहे है। अपने अमेरिका दौरे से पूर्व नाटक कर ही सही परन्तु हाफिज सईद को जेल भेजा है। भारत के प्रयासों के कारण ही खंूखांर आंतकी अजहर मसूद को वैश्विक आंतकवादियों की सूची में डाला गया। चीन की लाख कोशिशों के बावजूद पाकिस्तान विश्व की नजरों में गिरा है। हाथ में कटोरा लिए देश-देश कर्ज मांगता घूम रहा है। भारत ने रूस को अरबों डालर का कर्ज दिया है। हमारी अर्थववस्था विश्व की बढती हुई अर्थ व्यवस्थाओं मंे गिनी जाती है। मोदी जी ने 5 लाख ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने की ठानी है। उसके लिए रोड मैप तैयार कर कार्य भी प्रारम्भ कर दिया है। भारत को आजादी के बाद सबसे ज्यादा नुकसान भ्रष्टाचार, आंतकवाद, नक्सलवाद, जातिवाद व परिवारवाद ने पहुंचाया है। चंद परिवार देश को अपनी जागिर मानते में लगे थे। हमारी संस्कृति व शिक्षा को गलत दिशा में मोड़ने के लिए वामपंथी विचारधारा के साथ इन तत्कालीन सत्तारूढ पार्टियों व परिवारों ने समझौता कर लिया था। हमारे देवी देताओं पर अशोभनीय टिप्पणियां करना मानों इनका फैंसन बन गया था। शहीदों को आंतकवादी बनाकर पढाया जा रहा था। प्रभु श्रीराम व कृष्ण काल्पनिक है सुप्रीमकोर्ट में ऐसा हलफनामा तत्कालिन कांग्रेस सरकार ने दिया था। भगवा को आंतकवाद से जोड़ दिया था। कर्नल पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा व स्वामी असीमानंद को अपनी बात को सही बताने के लिए जेल में डाला गया। उनकों तमाम यातनाएं दी गई जिसका खुलासा जेल से छूटने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने किया। अपनी स्वार्थी राजनीति को चमकाने के लिए हिन्दूओं को बांटा गया। फूट डालों और राज करो की अग्रेजो की राह पर इन दलांे ने लम्बे समय तक देश पर राज किया। इनकी देश विरोधी जनविरोधी नीतियों के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी लड़ती रही। पहले प्रदेशो से इनको भाजपा ने उखाडा़ फिर देश की सत्ता से बेदखल कर दिया। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी व गृहमंत्री भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित भाई शाह को झूठे मुकदमें लगाकर परेशान किया गया। आंतकवादियों को मारने के खिलाफ अमित शाह जी को गुजरात के गृहमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा यूपीए सरकार ने षडयंत्र कर उनको जेल भेजा। सत्य की राह पर चलने वालोे को कुछ समय के लिए विचलित तो किया जा सकता है लेकिन पराजित कभी नहीं किया जा सकता। सत्य के साथी रक्षक स्वयं परमपिता परमात्मा रामकृष्ण होते है। रामचरितमानस के रचयिता पू0 गुरूदेव भगवन गौस्वामी तुलसीदास जी वेदो की बात को चैपाई में लिखते हुए बताते है ‘‘धर्म न दूसर सत्य समाना-आगम-निगम पुराण बखाना‘‘ अर्थात सत्य के समान कोई दूसरा धर्म नहीं है ऐसा वेद शास्त्र तथा पुराण बखान करते है। सत्यपथ पर चलते हुए जो यश फलस्वरूप मिलता है वह नरेन्द्र भाई व अमित शाह जी को भरपूर मिला। गुजरात की ही नही सम्पूर्ण भारत में इस जोड़ी ने वो करिश्मा कर दिखाया जिसका होना एक स्वपन जैसा था। भारत के पूवोतर में कभी भाजपा सरकार बनेगी यह कोई सोच भी नही सकता था। मोदी जी और शाह जी की रणनीति ने न केवल आसाम व त्रिपुरा में भााजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई बल्कि मेघालय सहित पूर्वत्तर में कमल खिला दिया। भारतवर्ष में जो आकर्षण इस जोड़ी का है वह किसी से छिपा नहीं है। भारत सरकार कश्मीर से धारा 370 व 35ए को खत्म कर देगी यह भी चुनौतियों भरा था। 2014 में जब भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी नरेन्द्र मोदी जी उसके प्रधानमंत्री बने तो इतिहास ने करवट ली। अमेरिका के प्रमुख अखबार वाशिगटन पोस्ट ने अपने सम्पदाकीय में लिखा कि आजाद भारत में पहली बार भारतियों की सरकार बनी है। राष्ट्रवाद की बात जोर-सोर से होने लगी भाजपा की नीति पहले राष्ट्र फिर पार्टी उसके बाद व्यक्ति के सिद्धान्त पर मोदी जी ने चलकर मोहर लगा दी। लम्बे समयतक सत्ता का सुख प्राप्त करने वाली पार्टी व नेताओं ने कहना प्रारम्भ किया कि यह कोई बडी बात नहीं है विपक्ष एकजुट नही था उसके वोटों में बिखराव के कारण ईवीएम में गडबडी कराकर भाजपा जीत गई। सत्ता की मलाई खाकर मछली से मगरमच्छ बन चुके इन नेताओं को यह लगा कि उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। मोदी जी के खिलाफ सबने एक स्वर में बोलना शुरू किया कि देश में लोकतंत्र खतरे में है, भारत में भय का माहौल है आदि आदि। एवार्ड वापसी का ड्रामा भी हुआ। अब मगरमच्छ को जाल में फसने का डर सताने लगा। सब वजूद बचाने के लिए एक साथ आ गए। राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इन दलों को पटकाना शुरू किया। कांग्रेस पार्टी को तो लगभग राज्यों से उखाड़ फेंका। क्षेत्रीय दलांे को भी करारी हार मिली। एक दूसरे की जानी दुश्मनी बनी पार्टी बसपा व सपा ने वजूद बचाने के लिए हाथ मिला लिया। बडे-बडे दावे करने लगे अखिलेश व मायावती कि उत्तर प्रदेश की 80 में से 80 सीटे जितेगें। भाजपा का खाता भी उत्तर प्रदेश में नहीं खुलेगा। हमारा वोट बैंक भाजपा से बहुत ज्यादा है। 2019 के आम चुनाव का विगुल बज गया सपा-बसपा के साथ आर0एल0डी0 भी मिल गई। रैलिया होने लगी मुझे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी की रैलियों में उनका मीडिया संभालने के लिए शाहजहांपुर, औरैया, बलरामपुर, महराजगंज आदि जनपदों में जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। जब मैने लखनऊ से बाहर लोगों से बात की तो 90 प्रतिशत मोदी जी के काम से प्रसन्न व प्रफुलिल्त मिले। सुबह 10 बजे, 11 बजे पहली जनसभा होती थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष जी दिन-रात तूफानी दौरा कर रहे थे। लखनऊ में कभी सुबह सुबह जनसभा नहीं हुई तो मुझे लगता कि इतनी जल्दी कैस सभा हो सकती हैं। मोदी जी और शाह जी का जनता में आकर्षण देखते बन रहा था। हजारों की संख्या में लोग सुबह की रैलियों में उमड़ रहे थे। सपा-बसपा व लोकदल के नेता एक साथ एक मंच पर एक-एक रैली को सम्बोधित करते थे। विरोधी दलों की रैलियांे में पत्रकार जब उनसे पूछते की कौन जीतेगा तो जवाब मिलता मोदी जी तब पत्रकार अगला सवाल करता आप तो मोदी विरोधियों की रैली में आये हो तो भारत वर्ष में एक सा जवाब मिलता कि हम आये जरूर है लेकिन वोट मोदी जी को ही देंगे। गरीबों को मुफ्त गैस सिलेण्डर देना, मकान बना कर देना, उनको इलाज के लिए 5 लाख तक की छूट, घर-घर बिजली पहंुचाना, सरकारी सब्सिडी का पैसा सीधे गरीबों के खाते में भेजना, किसानो को पेशन देना, उनकी फसल का उचित लाभकारी मूल्य देना, बीमा कराना आदि काम लोग गिनाने लगते थे। ना खाऊंगा ना खाने दूंगा यह नारा मोदी जी ने हकीकत में बदलकर दिखा दिया। आंतकवादियों को मुहमोड जवाब देते हुए इजराइल अमेरिका की तरह उनके घर में घूस कर मारना लोंगो ने खूब पंसद किया। 2019 में मोदी जी 2014 से भी अधिक बहुमत से जीते। यह उनकी नेक नजर व सच्ची डगर का ही परिणाम है।
(नरेन्द्र सिंह राणा)
प्रदेश प्रवक्ता भाजपा