अरामको तेल संयंत्रों पर हमले के लिए अमेरिका ने ईरान को बताया जिम्मेदार
वाशिंगटन: सऊदी अरब में दुनिया के सबसे बड़े ऑइल प्लांट पर ड्रोन हमले के बाद एक तरफ जहां उसकी उत्पादन क्षमता आधी रह गई है, वहीं खाड़ी में तनाव भी बढ़ गया है. इन हमलों की जिम्मेदारी यमन स्थित शिया हाउती विद्रोहियों ने ली है, जबकि सऊदी के करीबी सहयोगी अमेरिका ने इसके लिए सीधे-सीधे ईरान को जिम्मेदार ठहराया है.
हालांकि, ईरान ने अमेरिका के आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज किया है. खाड़ी के मौजूदा हालात का भारत पर भी सीधा असर पड़ सकता है क्योंकि ईरान से तेल आयात पर अमेरिकी प्रतिबंध के बाद नई दिल्ली अपनी तेल जरूरतों के लिए बहुत हद तक सऊदी अरब पर निर्भर है. हालांकि, सऊदी अरब ने तेल सप्लाई बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास शुरू कर दिए हैं.
सऊदी अरब की सबसे बड़ी तेल कंपनी अरामको के संयंत्र पर शनिवार को ड्रोन हमलों के बाद अमेरिका ने इसके लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है. हमलों की जिम्मेदारी यमन के हाउती विद्रोहियों ने ली है, लेकिन अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि हमले यमन की तरफ से हुए हैं.
सऊदी, ईरान और हाउती विद्रोही सऊदी अरब और ईरान की दुश्मनी जगजाहिर है. दोनों देश एक दूसरे के कट्टर विरोधी हैं. पिछले करीब 5 सालों से सऊदी अरब और यमन में युद्ध जैसे हालात हैं. सऊदी के नेतृत्व में गठबंधन सेना यमन में हाउती विद्रोहियों से लड़ रही है. हाउती विद्रोही भी जब-तब सऊदी अरब को निशाना बनाते रहते हैं.
माना जाता है कि हाउती विद्रोहियों को ईरान का समर्थन हासिल है. यही वजह है कि हालिया ड्रोन हमलों के बाद सऊदी और ईरान के बीच पहले से जारी तनाव बहुत ज्यादा भड़क सकता है. सऊदी सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा है कि आतंकी हमले के लिए जो भी जिम्मेदार होंगे, उन्हें जवाब मिलेगा.
उन्होंने कहा कि सऊदी अरब इस आतंकवादी अतिक्रमण का जवाब देना चाह रहा है और वह इसमें सक्षम है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस हमले की निंदा की है. ट्रम्प ने प्रिंस सलमान से फोन पर बात की. उनके कार्यालय वाइट हाउस ने ग्लोबल इकॉनमी के लिए महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर पर हुए हमले की निंदा की.
हमले से सऊदी अरब की तेल उत्पादन क्षमता रह गई आधी पूर्वी सऊदी अरब में अब्कैक और खुरैस में तेल संयंत्रों पर ड्रोन हमले के बाद अरामको ने उन संयंत्रों में उत्पादन रोक दिया है. हाउती विद्रोहियों ने कई बार सऊदी के एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर पर हमले किए हैं, लेकिन शनिवार का हमला अभूतपूर्व था. इससे सऊदी की तेल उत्पादन क्षमता 57 लाख बैरल प्रति दिन घट गई है.
यह कितना ज्यादा है, उसका अंदाज इससे लगाया जा सकता है कि यह दुनिया के तेल सप्लाइ का करीब 6 % है. सऊदी दुनिया का टॉप ऑइल सप्लायर है. यही वजह है कि उसकी तेल उत्पादन क्षमता आधी होने के बाद भारत समेत दुनिया भर के देश प्रभावित होंगे. फिलहाल सऊदी ने ऑइल सप्लाइ को बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास तेज कर दिए हैं.