नंबरों पर नहीं, काम पर ध्यान दें: प्रोफेसर पीसी छाबड़ा
संस्कृति विवि में ओरियंटेशन प्रोग्राम संपन्न
मथुरा। संस्कृति विवि में चल रहे ओरियंटेशन प्रोग्राम का शुक्रवार को समापन हुआ। समापन सत्र में विशेषज्ञ वक्ताओं ने छात्रों को वर्तमान दौर की चुनौतियों से परिचय कराते हुए कहा कि आप को जो सिखाया और पढ़ाया जा रहा है उसपर ध्यान दीजिए। काम में पारंगत ही रोजगार पाते हैं।
विवि के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर पीसी छाबड़ा ने कहा कि वर्तमान दौर चुनौतियों भरा जरूर है लेकिन योग्य विद्यार्थियों के लिए अवसरों की कोई कमी नहीं। संस्कृति विश्वविद्यालय का काम योग्य विद्यार्थी तैयार करना ही है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को समझाते हुए कहा कि आप यहां से बहुत कुछ सीख सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको अपना पूरा ध्यान अपने अध्ययन पर ही केंद्रित करना होगा। दृढ़ इरादे के साथ आप पढ़िए, आपको अपनी मंजिल जरूर मिलेगी।
विश्वविद्यालय के कुलपति डा.राणा सिंह ने हेल्थ केयर के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि हेल्थ केयर इंडस्ट्रीज़ में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। विश्वविद्यालय से ज्ञान और कौशल हासिल कर आप इस इंडस्ट्री में अपना भविष्य बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज स्वास्थ्य संरक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी तकनीकी विकास हो रहा है । आप नई तकनीकों के कितने जानकार हैं, यही चीज आपको दूसरों से अलग खड़ा करेगी।अनेक विधाएं मनुष्य के स्वास्थ्य को संरक्षित करने में सहयोग कर रही हैं। इसीलिए इस इंडस्ट्री ने व्यापक स्वरूप ले लिया है। विश्वविद्यालय आपके साथ है, आप मेहनत करिए और उज्ज्वल भविष्य आपका इंतजार कर रहा है।
हेल्थ केयर इंडस्ट्री के विशेषज्ञ ध्यान चौहान ने विद्यार्थियों से कहा कि नंबरों पर ध्यान मत दीजिए, काम में विशेषज्ञता हासिल करिए। इंटरव्यू में हम जैसे लोग विद्यार्थियों में यही ढूढ़ते हैं कि किस विद्यार्थी ने काम में विशेषज्ञता हासिल की है। आपका अच्छा काम आपको अच्छा रोजगार के साथ अच्छा वेतन भी दिलाता है। उन्होंने कहा कि अच्छा काम करने वालों से विश्वविद्यालय का भी नाम ऊंचा होता है। अच्छा काम करने वाले विद्यार्थियों से विश्वविद्यालय की पहचान बनती है, विश्वविद्यालय से छात्रों की पहचान नहीं बनती। दूसरे सत्र में हेल्थ केयर इंडस्ट्री के विशेषज्ञ ध्यान चौहान ने छात्र-छात्राओं से कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में आपको उतरना है तो आपको नई-नई तकनिकों की जानकारी होनी चाहिए। बाजार को जो चाहिए वो किताबों से बहुत आगे निकल चुका है। आप लगातार बदलते ज्ञान से परिचित होते रहेंगे तो आपको रोजगार के अच्छे अवसर पाने से कोई नहीं रोक पाएगा। उन्होंने छात्र- छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए सत्र का समापन किया।