कुरैशी बोले, ‘थर्ड पार्टी’ सुलह ही भारत-पाक के बीच एक मात्र रास्ता
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर जहां भारत ने दो टूक कहा है कि यह द्विपक्षीय मुद्दा है और किसी भी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं तो वहीं इस पर पाकिस्तान ने अपना अलग राग अलापा है। पाकिस्तान का कहना कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता संभव नहीं है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक बार फिर पुराना राग अलापा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय वार्ता नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा है कि ‘थर्ड पार्टी’ के जरिए ही भारत-पाकिस्तान के बीच सुलह का एकमात्र विकल्प है।
पिछले महीने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 के निष्प्रभावी होने और विशेष राज्य का दर्जा खत्म होने के बाद पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को घेरने की कोशिश में लगा है, लेकिन उसकी मंशा कामयाब होती नहीं दिख रही। ऐसे में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक बार फिर अपना पुराना राग अलापा है कि ‘थर्ड पार्टी’ के जरिए ही विवाद सुलझाया जा सकता है। कुरैशी का कहना है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता संभव नहीं है। बता दें कि हाल में ही भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर पर लिए गए ऐतिहासिक फैसले से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है।
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) से कहा कि वह कश्मीर के मुद्दे पर चुप न बैठे। भारत ने कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया है। उसने कश्मीर को दुनिया की सबसे बड़ी जेल बताते हुए मानवाधिकारों की कब्रगाह बताया। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान ने बुधवार सुबह जेनेवा में यूएनएचआरसी में कश्मीर का मुद्दा उठाया जिसमें पाक ने जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा मान लिया। यूएनएचआरसी में पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का राज्य है। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान की बौखलाहट खुलकर सामने आ रही है लेकिन पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी बात-बात में सच बोल बैठे। उनके बयान का एक वीडियो भी सामने आया है।
हाल में ही पाकिस्तान को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की ओर से भी पाकिस्तान को निराशा हाथ लगी। गुटेरेस ने पाक को सलाह देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर का मसला भारत-पाकिस्तान आपस में बातचीत कर सुलझाएं। बता दें कि कुछ दिन पहले विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने खुद माना था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उन्हें समर्थन मिलना मुश्किल है।
भारत सरकार ने हाल में ही जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल को खत्म कर दिया था। इसके साथ ही सरकार ने राज्य को लेकर पुनर्गठन बिल भी सदन में पास करवाकर जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया। अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बन गए हैं। सरकार के इसी फैसले से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मामले को उठाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है।