सेब के सहारे कश्मीरियों के दिल में उतरने की कोशिश
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी बीवीआर सुब्रमण्यम ने सोमवार को कहा कि इस साल कश्मीर से 12 लाख मेट्रिक टन सेब की खरीद के लिए तैयारियां पूरी हो गई है। सेब को आकर्षक कीमतों पर खरीदा जाएगा।
ऐसा पहली बार होगा कि सेब के सालाना उत्पादना का 60 फीसदी हिस्सा सीधे किसानों के घर से खरीदा जाएगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस स्कीम से किसानों को 2 हजार करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। पिछले साल कश्मीर में 20 लाख मैट्रिक टन सेब का उत्पादन हुआ था।
इस दौरान उन्होंने कश्मीर डिविजन के कमिश्नरों से भी बैठक की और केंद्र सरकार की स्पेशल मार्केट इंटरवेंशन प्राइस स्कीम (MISP) की चर्चा की। इसके तहत सेब उत्पादन का 12 लाख मेट्रिक टन केंद्र सरकार खरीदेगी।
कश्मीर से सेब खरीदी का समय 1 सितंबर 2019 से 1 मार्च 2020 तक तय किया गया है। इस स्कीम के लिए करीब 8 हजार करोड़ रुपए की पूंजी की जरूरत पड़ेगी।
MISP स्कीम के तहत एग्रीकल्चर और कोऑपरेशन डिपार्टमेंट, केंद्र सरकार, नेशनल एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (नाफेड) मिलकर जम्मू कश्मीर में सेब उत्पादकों से खरीद करेंगे
केंद्र सरकार की तरफ से सेब की खरीद के लिए नोडल एजेंसी नाफेड होगी। सेब को उत्पादकों और कारोबारियों से सोंपोर, परिमपोरा, शोंपिया और बाटेनगो की मंडियों से खरीदा जाएगा। इन मंडियों में स्कीम के तहत खरीद करने में किसी तरह की दिक्कत ना हो इसलिए जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं।
चीफ सेक्रेटरी ने डिविजनल कमिश्नर से कहा कि वो सुनिश्चित करें कि स्पेशल मार्केट इंटरवेंशन स्कीम का फायदा सेब उत्पादकों और कारोबारियों को मिले। इसके साथ ही उन्होंने स्कीम के लिए रजिस्ट्रेशन, आधार और बैंक अकाउंट की जानकारी जुटाने के लिए भी कहा। इनका पेमेंट 48 घंटे के भीतर बैंक अकाउंट में डाल दिया जाएगा।