योगी राज में पत्रकारों के खिलाफ FIR का सिलसिला जारी
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। बिजनौर में 5 पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। दरअसल, इन पत्रकारों ने उस खबर को रिपोर्ट किया था, जिसमें बसी गांव के एक वाल्मीकि परिवार को गांव के नल से पानी भरने से रोका गया। उनके मकान पर लिखा हुआ था कि हम पलायन करना चाहते हैं, ये मकान बिकाऊ है। पत्रकारों ने इसको रिपोर्ट किया।
बिजनौर पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में दो पत्रकारों (एक स्थानीय दैनिक के साथ काम करने वाले और एक अन्य इलेक्ट्रॉनिक समाचार चैनल के साथ जुड़े हुए हैं) का नाम तीन अज्ञात पत्रकारों के साथ लिया गया है। पुलिस ने कहा कि इस मुद्दे को पुलिस और गांव प्रधान ने सुलझा लिया था। उन पत्रकारों में से एक ने स्थानीय प्रशासन की छवि खराब पेश करने के लिए दीवार पर पलायन की धमकी दी थी।
जिन पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें से एक ने बताया, 'खबर रिपोर्ट करने के बाद पीड़ित पक्ष लगातार हमें फोन कर रहा है कि पुलिस मुझ पर दबाव बना रही है कि तुमने मकान पर ये क्यों लिखा है और जिसने लिखा है वो जेल जाए। हमारे पास सारे सबूत हैं कि पुलिस ने कहां-कहां पीड़ित पक्ष पर दबाव बनाया है। पीड़ित पक्ष से पुलिस ने कहा है कि अगर तुम जेल जाने से बचना चाहते हो तो तुम पत्रकारों का नाम लो कि उन्होंने इसे तुम्हारे मकान पर लिखा है।'
पीड़ित ने बताया, 'उनका कहना है कि वे जेल जाएंगे, लेकिन हमारा मर्डर करके जाएंगे। मोहल्ले में एक ही नल है और उसी से पानी नहीं भरने देते हैं। हमारे बच्चे जाते हैं तो उनकी बाल्टी फेंक देते हैं।'
पत्रकारों पर धारा 153ए (दुश्मनी को बढ़ावा देना), 268 (उपद्रव) और आईपीसी की 503 (आपराधिक धमकी) और आईटी अधिनियम की धारा 66ए के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में एक प्राथमिक स्कूल में मिड डे मील में बच्चों को नमक रोटी खिलाए जाने की खबर छापने वाले पत्रकार पर मुकदमा दर्ज किया गया था। वहीं आजमगढ़ पुलिस ने एक हिंदी अखबार के 30 साल के पत्रकार को उरधपुर इलाके के एक प्राथमिक विद्यालय के सरकारी शिक्षकों से कथित तौर पर पैसे ऐंठने और उन्हें उनकी ड्यूटी का निर्वहन करने से रोकने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि स्कूल अधिकारियों ने पत्रकार संतोष कुमार जायसवाल पर धमकी देने और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था। फूलपुर के सर्कल ऑफिसर रविशंकर ने कहा, 'स्कूल के प्रिंसिपल राधे श्याम यादव ने शुक्रवार सुबह लगभग 7.55 बजे दावा किया कि जायसवाल स्कूल पहुंचे और छात्रों से झाड़ू लगाने को कहा और उनकी तस्वीर क्लिक की। जब स्कूल के अधिकारियों ने इस पर आपत्ति जताई तो गरमागरम बहस हुई।' प्रिंसिपल फूलपुर पुलिस स्टेशन पहुंचे और आरोप लगाया कि जायसवाल स्कूल आते थे और शिक्षकों और छात्रों के साथ दुर्व्यवहार करते थे। उन्होंने छात्रों और शिक्षकों की तस्वीरों का दुरुपयोग किया।