13 सितंबर तक ED रिमांड में भेजे गए डीके शिवकुमार
नई दिल्ली: कांग्रेसी नेता और कर्नाटक सरकार में पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार की मुश्किलें और बढ़ गईं। दरअसल, प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किए गए शिवकुमार को दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार (चार सितंबर, 2019) को 13 सितंबर तक के लिए ईडी की रिमांड पर भेज दिया।
इससे पहले, ईडी ने मामले में 14 दिनों के लिए उनकी हिरासत मांगी थी, जबकि उन्हें स्पेशल जस्टिस अजय कुमार कुहाड़ के सामने पेश किया गया था। दिल्ली स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल में मेडिकल जांच के बाद 57 साल के कांग्रेसी नेता को कोर्ट लाया गया।
शिवकुमार के वकीलों (अभिषेक मनु सिंघवी और दायन कृष्णन) ने हिरासत में पूछताछ करने की ईडी की याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि वह जांच में शामिल हुए और कभी भी भागने की कोशिश नहीं की। वकीलों ने दावा किया कि शिवकुमार को आज खाना नहीं दिया गया और यह ईडी द्वारा ‘‘धीरे-धीरे दी जाने वाली यातना’’ है।
सिंघवी बोले, “पुलिस रिमांड अपवाद है और इसे विवेकहीन तरीके से नहीं दिया जा सकता और शिवकुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की याचिका दुराग्रह से भरी हुई है।” वह ईडी की दलीलों का विरोध कर रहे थे जिसने अदालत से कहा कि आय कर की जांच और कई गवाहों के बयानों से शिवकुमार के खिलाफ ‘‘अपराध साबित करने वाले साक्ष्यों’’ का खुलासा हुआ है।
एजेंसी ने दावा किया कि वह जांच से कतराते रहे और उसमें सहयोग नहीं किया तथा महत्त्वपूर्ण पद पर रहते हुए उनकी आय में जबर्दस्त बढ़ोतरी हुई थी। ईडी ने कहा कि शिवकुमार का आमना-सामना कई दस्तावेजों से कराना होगा और अवैध संपत्तियों के खुलासे के लिए उन्हें हिरासत में लेने की जरूरत है।
बता दें कि ईडी ने शिवकुमार, नई दिल्ली में कर्नाटक भवन के कर्मचारी हनुमनथैया और अन्य के खिलाफ पिछले साल सितंबर में पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था। ईडी ने आयकर विभाग द्वारा कर अपवंचना और हवाला से करोड़ों रुपए के लेन-देन के आरोपों में बेंगलुरू के स्पेशल कोर्ट में शिवकुमार और बाकी के खिलाफ दायर आरोप-पत्र के आधार पर उनके खिलाफ पीएमएलए के तहत पिछले साल मामला दर्ज किया था।