बंगाल, MP नहीं लागू करेगा नए मोटर वाहन अधिनियम
राजस्थान भी करेगा जुर्माने की समीक्षा
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश ने यातायात उल्लंघन पर जुर्माने की राशि का हवाला देते हुए नए सख्त केंद्रीय मोटर वाहन संशोधन अधिनियम को लागू करने से इनकार कर दिया है। दूसरी ओर, राजस्थान के राज्य परिवहन मंत्री के अनुसार, जुर्माने की राशि की समीक्षा करने के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा। राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि राज्य संशोधित प्रावधानों को लागू करेगा, लेकिन जुर्माना राशि की समीक्षा करेगा।
नए संशोधित मोटर वाहन अधिनियम में जुर्माने की राशि में अच्छी खासी बढ़ोतरी की गई है। 1 सितंबर से मोटर वाहन एक्ट संशोधन लागू हो गया है। इसके बाद ट्रैफिक नियम तोड़ना जेब पर भारी पड़ सकता है। 1 सितंबर से शराब पीकर गाड़ी चलाना, ओवर स्पीड, ओवर लोडिंग आदि पर पहले के मुकाबले ज्यादा जुर्माना देना होगा। नशे में ड्राइविंग और एम्बुलेंस में बाधा डालने जैसे मामलों में 10,000 रुपए का कठोर जुर्माना लगेगा। कुछ मामलों में जेल जाने और लाइसेंस निलंबन की भी संभावना है।
प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, 'देखिए, केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम एक तारीख से पूरे देश में लागू हो गया है, यह राजस्थान में भी लागू हो गया है। हम इसे रोक नहीं सकते। हमारे पास कंपाउंडिंग राशि को बदलने का अधिकार है। मेरा मानना है कि जुर्माने की राशि तक जनता की पहुंच होनी चाहिए।' उन्होंने कहा कि यात्रियों के लिए जुर्माना बहुत अधिक हो सकता है और वे किसी भी यातायात उल्लंघन के मामले में जुर्माना अदा किए बिना भी चल सकते हैं। राज्य के परिवहन मंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें विश्वास नहीं है कि जुर्माना राशि सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित है। उन्होंने कहा कि जुर्माना राशि में वृद्धि से अधिक भ्रष्टाचार होगा। हम यह नहीं कह रहे हैं कि हम रुक जाएंगे लेकिन हम इसे कितना कम कर सकते हैं। हमने समीक्षा के लिए सोमवार को एक बैठक बुलाई है। कल हम निर्णय लेंगे।
मंत्री ने कहा, 'आप 500 रुपए से 5000 रुपए और 2000 रुपए से सीधे 25000 रुपए तक जा रहे हैं। यह देश आर्थिक मंदी के दौर में है। कई लोग ऐसे भी हैं जो मोटरसाइकिल पर सवार होते हैं लेकिन उनकी रोजी रोटी की कोई व्यवस्था नहीं है।'
मध्य प्रदेश के कानून मंत्री पीसी शर्मा ने स्पष्ट किया कि राज्य इस समय नए यातायात कानून को लागू नहीं करेगा। उन्होंने कहा, 'मैंने कानून सचिव से बात की और मैं मुख्यमंत्री (कमलनाथ) से बात करूंगा ताकि कानून को कुछ संशोधन के साथ लागू किया जा सके। अभी, जुर्माना बहुत बड़ा है और हर कोई जुर्माने के रूप में इतनी बड़ी राशि का भुगतान नहीं कर सकता है।'