एनआरसी की लिस्ट से अवैध घुसपैठियों का भ्रम टूट गया: ओवैसी
नई दिल्ली: असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) की अंतिम लिस्ट आज जारी कर दी गई है। एनआरसी की सूची में 3 करोड़ 11लाख 21 हजार 4 लोगों को शामिल किया गया है जबकि सूची से 19 लाख 6 हजार 657 लोगों को बाहर रखा गया है। एनआरसी के स्टेट को-ऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने यह जानकारी दी।
एनआरसी लिस्ट जारी होने के बाद एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बीजेपी को सबक सीखना चाहिए। उन्हें हिंदू और मुस्लिम के आधार पर देशभर में एनआरसी की मांग को बंद कर देना चाहिए। उन्हें सीखना चाहिए कि असम में क्या हुआ। अवैध घुसपैठियों का भ्रम टूट गया है। उन्होंने कहा, ‘ये मेरा अपना संदेह है कि बीजेपी नागरिकता संशोधन बिल के जरिए बीजेपी ऐसा बिल ला सकती है, जिससे सभी गैर मुस्लिमों को नागरिकता दे सकती है, जो समानता के अधिकार का उल्लंघन होगा। असम के कई लोगों ने मुझे बताया कि माता-पिता के नाम लिस्ट में हैं जबकि बच्चों के नहीं। उदाहरण के तौर पर मोहम्मद सनाउल्लाह ने सेना में काम किया। उनका मामला हाई कोर्ट में लंबित है. मुझे उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा।
फाइनल असम एनआरसी लिस्ट में भारतीय सेना से रिटायर्ड ऑफिसर 52 वर्षीय सनाउल्लाह का नाम भी शामिल नहीं है। फाइनल लिस्ट में सनाउल्लाह की दोनों बेटी और एक बेटे का नाम भी नहीं है। हालांकि सनाउल्लाह की पत्नी का नाम इसमें शामिल है। मोहम्मद सनाउल्लाह ने कहा, मुझे अपना नाम लिस्ट में होने की उम्मीद नहीं थी क्योंकि मेरा मामला अभी भी हाई कोर्ट में लंबित है, मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और मुझे विश्वास है कि न्याय जरूर मिलेगा।