एक साल में 71,543 करोड़ रुपये के बैंकिंग फ्रॉड, 74 फीसदी की वृद्धि
नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2018-19 में बैंकिंग धोखाधड़ी में 74 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और इस दौरान कुल 71,543 करोड़ रुपये के बैंकिंग फ्रॉड हुए. यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है. RBI ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों द्वारा धोखाधड़ी की घटना की तारीख और बैंकों द्वारा इसकी पहचान के बीच औसत अंतराल 22 महीने था.
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में चलन में मौजूद मुद्रा 17 फीसदी बढ़कर 21.10 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है. हालांकि, रिपोर्ट में यह भी माना है कि घरेलू मांग घटने से आर्थिक गतिविधियां सुस्त हुई है. अर्थव्यवस्था में निजी निवेश बढ़ाने की बात पर जोर दिया गया है. RBI ने कहा है कि IL&FS संकट के बाद एनबीएफसी से वाणिज्यिक क्षेत्र को ऋण प्रवाह में 20 फीसदी की गिरावट आई है.
RBI ने कहा है कि केंद्र सरकार को अधिशेष कोष से 52,637 करोड़ रुपये देने के बाद रिजर्व बैंक के आकस्मिक कोष में 1,96,344 करोड़ रुपये की राशि बची है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि ऋण माफी, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन, आय समर्थन योजनाओं की वजह से राज्यों की वित्तीय प्रोत्साहनों को लेकर क्षमता घटी है.
बता दें कि आरबीआई ने सोमवार को अपने डिविडेंड और सरप्लस फंड से सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर करने का ऐलान किया है. इस फंड का इस्तेमाल सरकार इकोनॉमिक ग्रोथ की रफ्तार बढ़ाने के लिए कर सकती है. आरबीआई इस रकम का बड़ा हिस्सा यानी 1.23 लाख करोड़ रुपये सरप्लस फंड से और बाकी 52,637 करोड़ रुपये सरप्लस रिजर्व से ट्रांसफर करेगा.