कश्मीरी क़ैदियों को गवर्नर मालिक की सलाह- जेल में रहेंगे तो नेता बनेंगे
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक इन दिनों लगातार अपने बयान के कारण सुर्खियों में बने हुए हैं। 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिए जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश के रूप में बांटे जाने के बाद सत्य पाल मलिक ने पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
इस दौरान मलिक ने मलिक ने बार जम्मू कश्मीर के मुख्यधारा की पार्टियों के नेताओं पर तंज कसा। गवर्नर ने कहा, ‘आप नहीं चाहते कि जनता को नेता बनना चाहिए? मैं 30 बार जेल जा चुका हूं। जो जेल गया वह नेता बना। जितना ज्यादा जेल में रहेंगे उतना बड़ा नेता बनेंगे। मैंने छह महीने जेल की सलाखों के भीतर बिताए हैं।’
उन्होंने कहा, ‘यदि आप लोगों को उनके साथ हमदर्दी है तो उनकी नजरबंदी पर दुखी होने की जरूरत नहीं है। वे सभी अपने घरों में हैं। आपात काल के दौरान मैं फतेहगढ़ जेल में था जहां पहुंचने में दो दिन लगते थे।’ उन्होंने कहा कि यदि किसी को किसी मुद्दे पर हिरासत में रखा गया है, यदि वह समझदार है तो वह उसका राजनीतिक फायदा ले सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि मैं उनके भले की कामना करता हूं। उन्होंने 5 अगस्त से राज्य में लगी बंदिशों को भी सही ठहराया। इंटरनेट पर उन्होंने कहा कि यह समाज विरोधी तत्वों के लिए एक आसान हथियार है। इसलिए इसे पुनर्बहाल करने में अभी कुछ समय लगेगा।
केंद्र सरकार जल्द करेगी बड़ी घोषणाः गवर्नर मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू और कश्मीर को लेकर जल्द ही बड़ी घोषणा कर सकती है। उन्होंने कहा कि अगले तीन महीनों में व्यापक तौर पर भर्ती अभियान के तहत 50 हजार नौकरियां उपलब्ध होंगी।
मलिक ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के युवाओं से आगे आकर सक्रिय रूप से इस इस भर्ती अभियान में शामिल होने का आग्रह किया। मलिक ने कहा कि सेब की पैदावार की न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है।
मलिक ने कहा कि पैलेट गन का प्रयोग सुरक्षा बलों द्वारा घाटी में विरोध प्रदर्शन के दौरान ही किया जाता है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल इसके प्रयोग पर अत्यधिक सावधानी बरतते हैं कि इससे अधिक नुकसान ना हो। गवर्नर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों की संस्कृति और पहचान को संरक्षित किया जाएगा।