बुलंदशहर हिंसा के आरोपियों का बेल मिलने पर ‘हीरो’ जैसा स्वागत
बुलंदशहर: स्याना हिंसा के मामले में जिला कारागार में बंद जीतू फौजी, बजरंग दल के पूर्व जिलाध्यक्ष उपेंद्र राघव, शिखर अग्रवाल समेत सात आरोपी जमानत पर रिहा हो गए। सभी आरोपी बीते आठ माह से जिला कारागार में बंद थे। उनके जेल से बाहर आते ही हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं एवं परिजनों ने फूल-मालाएं पहनाकर 'हीरो' की तरह स्वागत किया। स्याना हिंसा के मामले में जल्द ही कुछ अन्य आरोपियों की भी रिहाई की उम्मीद जताई जा रही है।
3 दिसंबर 2018 को स्याना क्षेत्र के गांव महाव के जंगल में गोकशी की घटना के बाद बवाल हो गया था। गोकशी को लेकर गुस्साएं लोगों ने जाम लगाकर जमकर हंगामा किया। पथराव-फायरिंग के दौरान गोली लगने से स्याना कोतवाल सुबोध कुमार सिंह और गांव चिंगरावठी के युवक सुमित की मौत हो गई थी।
इस मामले में स्याना की चिंगरावठी चौकी प्रभारी की ओर से 27 नामजद और 50-60 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या, हिंसा समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया। मामले की एसआईटी जांच की गई, जिसमें हिंदूवादी नेताओं समेत 44 आरोपियों को जेल भेजा गया। इस मामले में जीतू फौजी समेत 14 आरोपियों को हिंसा के मामले में जमानत मिल गई, किंतु राजद्रोह के केस में जमानत न हो पाने के कारण उनकी रिहाई नहीं हो सकी थी।
बीते दिनों इन आरोपियों को राजद्रोह के केस में भी जमानत मिल गई। हाईकोर्ट से जमानत का आदेश जारी होने के बाद बुलंदशहर न्यायालय में दाखिल कराया गया। इसके बाद जमानतियों का वैरीफिकेशन हुआ। जमानतियों के वैरीफिकेशन के बाद शनिवार रात को छह आरोपियों की रिहाई हो गई, जबकि एक अन्य आरोपी राजकुमार निवासी गांव महाव की बीते दिन रिहाई हो गई।
अधिवक्ता संजय शर्मा ने बताया कि जिला कारागार से रिहा होने वाले आरोपियों में राजकुमार के अलावा उपेंद्र राघव पुत्र महेंद्र सिंह निवासी गांव गनौरा नंगली थाना खानपुर, जितेंद्र उर्फ जीतू फौजी पुत्र राजपाल निवासी गांव महाव, हेमू उर्फ हेमराज पुत्र नवाब निवासी गांव चिंगरावठी, रोहित राघव पुत्र रामौतार राघव निवासी गांव बरौली, सौरभ पुत्र जसवीर निवासी गांव खाद मोहननगर एवं शिखर अग्रवाल पुत्र रंजीत सिंह निवासी मोहल्ला जवाहर गंज पट्टी, स्याना शामिल हैं। इनमें उपेंद्र राघव बजरंग दल के पूर्व जिलाध्यक्ष हैं। अधिवक्ता संजय शर्मा ने बताया कि स्याना हिंसा के मामले में सात आरोपियों की रिहाई हो गई है, जबकि अन्य कुछ आरोपियों का एक-दो दिन में वैरीफिकेशन होने के बाद रिहाई की उम्मीद है।